अब भी लंबित है ओलावृष्टि प्रभावितों का मुआवजा
मासूम अहमद, हजारीबाग : पिछले माह ओलावृष्टि और आंधी तूफान से जिले के करीब साढे़ पांच सौ किसानों का 10
मासूम अहमद, हजारीबाग : पिछले माह ओलावृष्टि और आंधी तूफान से जिले के करीब साढे़ पांच सौ किसानों का 104 हेक्टेयर पर लगी फसल बर्बाद हो गई थी। प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 6800 रुपये की दर से सात लाख सात हजार 268 रुपए का मुआवजा भुगतान होना है। हालांकि पूर्व में मुआवजा भुगतान की दर प्रति हेक्टेयर 4500 रुपए था। अंचलों से आए सर्वेक्षण प्रतिवेदन के आधार पर भुगतान की स्वीकृति के बाद भी सरकार से आवंटन नहीं आने के कारण मुआवजा भुगतान नहीं हो पाया है। इधर मुआवजे के इंतजार में प्रभावित किसान कर्ज के बोझ से दबे जा रहे हैं। जिले के पांच प्रखंडों में सर्वाधिक प्रभावित प्रखंड केरेडारी है। जानकारी के अनुसार जिले के केरेडारी प्रखंड के 432 और पदमा प्रखंड के 69 किसान प्रभावित हैं। जिन्हें क्रमश: 302804 रुपए और 280364 रुपए का भुगतान होना है। इनके अलावा आंधी-तूफान और अतिवृष्टि से कटकमसांडी प्रखंड के दो पक्के मकान भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे, जिनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन की ओर से 190200 रुपए का भुगतान होना है। मगर आवंटन की आस में भुगतान अब तक लंबित हैं।
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बर्बाद फसल के विरुद्ध मुआवजा की राशि
अंचल किसान क्षेत्रफल राशि
कटकमसांडी 6 6 हे. 40800
केरेडारी 432 44.53 302804
टाटीझरिया 40 7.19 48892
पदमा 69 41.23 280364
विष्णुगढ़ 3 5.06 34408
कुल 550 104.01 707268
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अतिवृष्टि से दो पक्के मकान भी हुए थे क्षतिग्रस्त
हजारीबाग : पिछले महीने यानी अप्रैल 2015 को हुई अतिवृष्टि और आंधूी तूफान से जिले के दो मकान भी क्षतिग्रस्त हुए थे। जानकारी के अनुसार 24 अप्रैल को कटकमसांडी प्रखंड में तेज बारिश से दो पक्के मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए थे। सर्वेक्षण के मानदंड के अनुसार उनके विरुद्ध प्रभावितों को 190200 की राशि स्वीकृत हुई है। आवंटन के अभाव में इन प्रभावितों को भी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हो पाया है।
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अधिकारी का पक्ष ...
आंधी तूफान और ओलावृष्टि से जिले के पांच प्रखंडों के साढे़ पांच सौ के करीब प्रभावित किसानों के बीच मुआवजा स्वीकृत हो चुका है। आवंटन नहीं आने के कारण भुगतान में विलंब हुआ। कुछ प्रभावितों का आवंटन आ चुका है। भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। बाकी का आवंटन भी जल्द ही आ जाएगा और भुगतान की कार्रवाई पूरी कर दी जाएगी - राम रतन वर्णवाल, प्रभारी, आपदा प्रबंधन शाखा।