एक तो कुदरत की मार उपर से बेरहम परिजन
जासं, विष्णुगढ़/ हजारीबाग : सात वर्ष केचुन्नू-मुन्नू को कुदरत के अभिशाप ने एक जिस्म दो जान में तब्दी
जासं, विष्णुगढ़/ हजारीबाग : सात वर्ष केचुन्नू-मुन्नू को कुदरत के अभिशाप ने एक जिस्म दो जान में तब्दील कर दिया। दोनों जन्म से ही एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। दो पैर, दो हाथ व एक शरीर तो है लेकिन गर्दन पर दो सिर हैं। एक खाता है तो दूसरे की भूख भी पूरी हो जाती है। हालांकि संतुष्टि के लिए दोनों के मुंह में अन्न डाला जाता है। ये न तो ठीक से चल सकते हैं और न ही खुद से उठ कर खड़ा हो सकते हैं। जन्म के समय ही इनके मां की मौत हो गई। ओडिशा के कटक के मूल निवासी इन दोनों बच्चों पर कुदरत ने जो कहर ढाया सो ढाया। अब संवेदनहीन परिजनों ने उन्हें नुमाईश की वस्तु बना अपने आय का जरिया बना लिया है। ऐसी ही प्रदर्शनी इन दिनों विष्णुगढ़ में चल रहा है। लाचार बच्चों की प्रदर्शनी से कोई दस-बारह लोगों का पेट पल रहा है। परिजन चुन्नू-मुन्नू को लेकर यहां-वहां घुमते हैं, जगह-जगह उत्सव-मेले में बच्चों की प्रदर्शनी लगाते हैं और दस रुपये की दर से टिकट शुल्क लेते हैं। प्रदर्शनी टीम में शामिल दस लोग इसकी परवरिश कर रहे हैं। टीम के लोग दावा करते हैं कि इनकी देख-रेख में कोई कमी नहीं रखी जाती। उनका कहना है कि बच्चों के पिता सुरेश यादव की सहमति से बच्चों का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनी वाले स्थान पर उन्हें उठाकर ले जाया जाता है। बनाए गए स्टेज में प्रदर्शन के लिए उसे दर्शकों के बीच प्रस्तुत किया जाता है। प्रदर्शन करने वालों की टीम ने बताया कि उसकेपिता को भी आय का हिस्सा दिया जाता है।