लोगों को जोड़ता है करमा पर्व
जासं, हजारीबाग : केंद्रीय सरना समिति हजारीबाग की ओर से सोमवार को आयोजित करम पूर्व संध्या समारोह में युवाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगन कच्छप ने की। मौके पर करमा पर्व के ऐतिहासिक पक्षों पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रकृति पर्व करमा आदिवासियों का प्रमुख त्यौहार है। इसमें प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ बहनों द्वारा भाई की सुख और समृद्धि की कामना की जाती है।
मुख्य अतिथि संग्राम बेसरा ने उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दी, कहा कि करमा त्यौहार लोगों को आपस में जोड़ने का काम करता है। पूर्व थाना प्रभारी राम दयाल मुंडा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि आदिवासी संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व करमा है जिसमें कर्म और धर्म दोनों का सम्मान महत्व है। मौके पर अशोक तिग्गा, गोपाल लकड़ा, मार्शल तिर्की, जिला परिषद उपाध्यक्ष संजीव वेदिया, गंदुरा मुंडा समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में बीपीन उरांव, अरविद कुमार, विजय केरकेट्टा, हीरा मणि हंसदा समेत कई लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी।
मंच संचालन का दायित्व सरोज कुमार लकड़ा, सुरेंद्र मिंज और आशा रानी टोप्पो ने संभाला। इसे सफल बनाने में आदिवासी बालक छात्रावास केबीडब्ल्यू महिला कॉलेज छात्रावास आदिवासी बालिका छात्रावास के विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया। लगभग तीन घंटे तक चलने वाली कार्यक्रम में नगर भवन का सभागार गीत और झुमर के बोल से गूंजता रहा। झारखंड की संस्कृति नगर भवन के सभागार में देर समय तक प्रवाहित होते रही।