हाथी के बच्चे की जंगल में संदिग्ध मौत
जासं, हजारीबाग : दारू प्रखंड के लौकयीय गांव में सोमवार की रात हाथी के बच्चे की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक रात के अंधेरे में हाथियों का झुंड गांव में पहुंचा था। ग्रामीणों के घरों को ढाहने के क्रम में एक भारी लकड़ी का बल्ली हाथी के बच्चे के सिर के पिछले हिस्से पर गिर गया। वहीं गांव के कुछ लोगों ने बताया कि घर में रखे अनाज के साथ हाथी के बच्चे ने सल्फास भी खा लिया। उसी स्थल के आसपास पूरी रात वह छटपटाता रहा और उसे अन्य हाथी घेर कर जमे रहे, लेकिन अंतत: हाथी शावक ने दम तोड़ दिया। मालूम हो कि हाथियों का दल पिछले तीन-चार दिनों से इस क्षेत्र में जमा है।
सुबह में वन विभाग की टीम उक्त स्थल पर पहुंची। खुद डीएफओ अजीत सिंह मौके पर मौजूद थे। इस दौरान माहौल काफी भावुक हो गया। ग्रामीणों ने हाथी के बच्चे की पूजा अर्चना की, उस पर कफन डाला और उसे कब्र में दफना दिया। गांव से दूर क्रेन से उठाकर हाथी के बच्चे को दफन किया गया है। इसके पहले दो डॉक्टरों की टीम ने मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया।
बताया जाता है कि हजारीबाग में इस प्रकार के पहली घटना है जबकि किसी हाथी की मौत इस परस्थिति में हुई है। इसके पहले धनबाद में रेल से कटने से दो हाथियों की मौत हुई थी।
डीएफओ अजीत कुमार सिंह ने कहा कि अन्य हाथियों के दिमाग में लगभग एक वर्ष तक इस घटना की स्मृति बनी रहती है और उक्त स्थल पर हाथियों का आना-जाना लगा रहता है। स्वाभाविक मौत में हाथी आक्रमक नहीं होते। संभावना है कि बच्चे की मौत के शोक में मंगलवार की देर रात भी हाथियों का दल वहां पहुंच सकता है।