दुष्कर्म के बाद हत्या के खिलाफ गोलबंद हुए लोग
संस, हजारीबाग : युवती के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को जलाने को लेकर हजारीबाग की जनता गोलबंद होने लगी है। दुष्कर्म और छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाएं व पुलिसिया जांच की धीमी रफ्तार के खिलाफ लोगों सड़क पर उतरने लगे हैं। मंगलवार को इस बाबत विभिन्न सामाजिक संगठन, छात्र संगठन व महिलाओं ने तीखी प्रक्रिया व्यक्त की है। महिलाओं ने उग्र आंदोलन की बात करते हुए समाहरणालय स्थल पर धरना देकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान महिलाएं दरिंदों को फांसी देने, सारे मामले की सीबीआइ जांच तथा मेडिकल बोर्ड बिठाने की की मांग की है। वहीं दूसरी ओर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने व दलों ने पुलिसिया जांच की धीमी रफ्तार पर भी उंगली उठाया। कहा कि बिना मेडिकल बोर्ड गठन किए शव के पोस्टमार्टम करा देना पुलिस की निष्क्रियता है। वहीं पोस्टमार्टम पर भी लोगों ने प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि आखिर पुलिस मेडिकल बोर्ड से जांच कराने से क्यों परहेज कर रही है। अनुसंधानकर्ता की वजह से मेडिकल जांच नहीं हो पाई थी। इसको लेकर हुई पुलिस की फजीहत के बाद अब सदर पुलिस एक बार फिर नए सिरे से सुराग की तलाश में लग गई है। पुलिस की नजर अब मेडिकल रिपोर्ट पर आकर टिक गई है। जहां से उसे कुछ सुराग हाथ लगने की उम्मीद है। ज्ञात हो कि 19 अप्रैल को सदर पुलिस ने हुरुहूरु स्थित एक निर्माणाधीन सैप्टिक टैंक से एक करीब 20 वर्षीय युवती का शव बरामद की थी। शव की स्थिति देखने और घटनास्थल पर पड़े कपड़ों के आधार पर पुलिस ने प्रथम दृष्टया दुष्कर्म के बाद हत्या करार दिया था। दारिंदो ने हत्या के बाद शव की पहचान छुपाने के लिए उसके चेहरे पर केरोसिन छिड़क कर आग लगा दी थी। जिससे उसकी पहचान भी नहीं हो सकी।
आज होना है अंतिम संस्कार
अज्ञात युवती की पहचान नहीं होने के बाद पिछले 72 घंटे से रखे शव को बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिए जाने की उम्मीद है। हालांकि पुलिस को अब पहचान व परिजनों का इंतजार है।
क्या कहते है पुलिस अधिकारी
मामले में मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद जांच को दिशा मिल पाएंगी। फिर भी पुलिस लड़की की पहचान को लेकर मशक्कत कर रही है। पहचान होने के साथ हत्या का सच सामने आ सकता है।
अरविंद कुमार सिंह, डीएसपी, मुख्यालय
जाच के नाम खानापूर्ति, लैब तक भी नहीं पहुंचा स्लाइड
अज्ञात युवती शव को लेकर मची हाय तौबा के बाद मामला जस का तस पड़ा है। स्थिति यह है कि ब्लड का नमूना लैब तक भी नहीं पहुंचा पाया है। जबकि इस मामले में पुलिस के आला अधिकारी मेडिकल जांच रिपोर्ट का इंतजार करने की बात कह रहे है। पहले हत्या फिर दुष्कर्म के बाद जांच के नाम पर खानापूर्ति पुलिसिया हकीकत और स्वास्थ्य विभाग के बीच तालमेल की सच सामने लाकर रख दिया है। ज्ञात हो कि पुलिसिया फजीहत के बाद दबाव में सोमवार की रात को शव से स्लाइड ले लिया गया था। लेकिन मंगलवार को उसे लेने वाला कोई नही था। जबकि पुलिस के आला के आला अधिकारी मेडिकल हो जाने के बाद रिपोर्ट का इंतजार करने की बात कह रहे है।
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छात्र संगठनों ने की न्यायिक जांच की मांग
हत्या को लेकर छात्र संगठन एबीवीपी व एनएसयुआई ने तीखी प्रक्रिया व्यक्त करते हुए पुलिस के आला अधिकारियों से मिलकर न्यायिक जांच कराने की मांग करने की बात कहीं है। अभाविप के विश्वविद्यालय संगठन मंत्री विनोद एक्का ने कहा है कि यह चिंताजनक बात है और दुर्भाग्य है कि शहर में एक युवती की दुष्कर्म कर हत्या कर दी जाती है, और किसी को पता नहीं तक नहीं चलता। वहीं एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष प्रकाश यादव ने पुलिसिया जांच पर उंगली उठाते हुए कहा कि पूरे मामले में पुलिस द्वारा घटना पर खोजी कुत्ता की मदद नहीं लेना, मेडिकल बोर्ड की गठन नहीं कराना तथा बिना मेडिकल के पोस्टमार्टम करा देना मामले को संदिग्ध बना रही है। पूरा मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। इस मामले में आला अधिकारियों से मिलकर उन्हें ज्ञापन और आवश्यकता पड़ी तो धरना भी दिया जाएगा।
न्याय दिलाने आगे आए कई संगठन
पुलिस की जांच हो तेज, हत्यारों को खुले मौत की घाट उतारा जाय, मेडिकल जांच कराई जाए, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाय, आदि कई विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को समाहरणालय परिसर में दर्जनों महिलाओं ने एक दिवसीय धरना देकर युवती को न्याय देने की मांग की है। धरना के बाद महिलाओं ने उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। महिलाओं ने इस दौरान जमकर पुलिस और प्रशासन पर भड़ास निकाली।
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प्रतिक्रिया महिलाओं की ..
फोटो- 20, प्रियंका कुमारी -
शहर में अव्यवस्थित लॉज अपराधियों का जन्म दे रही है। जबतक इनका पंजीकरण नहीं होगा। इस तरह के अपराध बढ़ते जाएंगे। आज युवती की पहचान इसी कारण नही हो पा रही है। जिला प्रशासन इस दिशा में भी काम करे।
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फोटो- 22, मुन्नी यादव
हर बार दोषी कानूनी सहारा लेकर बच निकलते है। हमें ऐसे दरिंदो को चौक चौराहों पर खड़ा कर जान मार देनी चाहिए। जिससे दूसरा कोई भी इस तरह की घृणा वाली कार्य नहीं कर सके। युवती को न्याय मिलेगा। हम महिलाएं न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरने से भी नहीं हिचकेंगे।
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फोटो- 19, ममता शर्मा,
यह एक बेहद चिंताजनक विषय है। आदर्श समाज के लिए भी यह चिंता की बात है। ऐसे मामले में पुलिस की सक्रियता के साथ साथ हम लोगों की जवाबदेही भी बनती है। इस गुत्थी को सुलझाने में हम पुलिस की मदद करे। यह दुर्घटना नहीं चेतावनी है। हमें सबक लेना चाहिए।
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फोटो - 18, शिल्पा सोनी
दरिंदों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाना चाहिए। ये समाज के लिए अभिशाप है। पुलिस जांच भी इस दिशा में इमानदारी पूर्वक होनी चाहिए। यह एक चुनौति है पुलिस सिस्टम और समाज के लिए। अगर पुलिस न्याय नहंी दे पाती है हम महिलाएं न्याय के लिए सड़क पर भी उतर सकती है।