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दो समुदाय में विवाद का हुआ निपटारा

गुमला : थाना क्षेत्र के सोसो भलदम चट्टी में एक नीम पेड़ के तना से दूधिया तरल के असमान्य रिसाव को स्थ

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jul 2017 01:21 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jul 2017 01:21 AM (IST)
दो समुदाय में विवाद का हुआ निपटारा
दो समुदाय में विवाद का हुआ निपटारा

गुमला : थाना क्षेत्र के सोसो भलदम चट्टी में एक नीम पेड़ के तना से दूधिया तरल के असमान्य रिसाव को स्थानीय लोगों द्वारा दैविक चमत्कार मानते हुए पेड़ की पूजा अर्चना आरंभ करने के बाद पेड़ वाली भूखंड को लेकर दो समुदाय के बीच साम्प्रदायिक तनाव बढ़ गया था। दोनों पक्षों के सहमति और प्रशासनिक पहल के बाद शनिवार को अंचल अधिकारी महेन्द्र कुमार के नेतृत्व में उक्त भूखंड की मापी की । जिसमें 58 डीसमिल का भूखंड लुथरेन मिशन का है जबकि विवाद का केन्द्र बना नीम पेड़ सड़क से सटे सरकारी भूखंड पर है।

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सीओ के नेतृत्व में लुथरेन मिशन के भूखंड का सीमांकन करा दिया गया। जिस नीम पेड़ की स्थानीय लोग पूजा कर रहे हैं उस स्थल में किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं करने का सख्त निर्देश दिया गया है। सीओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि उक्त स्थल यथास्थिति रहेगी। अगर किसी प्रकार का निर्माण कार्य होने पर कानूनी कार्रवाई होगी। भूखंड मापी के दौरान अंचल अधिकारी, कर्मचारी सहित दोनों पक्ष के गणमान्य लोग शामिल थे।

दूधेश्वरी धाम के रूप में हुआ नामाकरण

गुमला : सोसो भलदम चट्टी स्थित नीम पेड़ पूजा स्थल को ग्रामीणों ने दूधेश्वरी धाम नामाकरण किया है। सोसो मोड़ में दूधेश्वरी धाम में आपका स्वागत है का तोरण द्वार लगाया गया है।

ज्ञात हो कि लगभग पन्द्रह दिन पूर्व भलदम चट्टी स्थित एक नीम पेड़ के तना के एक छिद्र से धारा प्रवाह दूधिया तरल पदार्थ का रिसाव हो रहा था। तरल पदार्थ दिखने में हल्का सफेद और स्वाद में नारियल पानी की तरह मिठास था। असमान्य रिसाव के कारण स्थानीय लोगों ने उसे दैविक चमत्कार मानकर पूजा अर्चना आरंभ की। अब इसकी ख्याति ऐसी बढ़ गई कि लोग प्रतिदिन दूर-दूर से पेड़ को देखने आ रहे हैं और पूजा अर्चना कर अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं।

उक्त स्थल पर अब नारियल धूप अगरबती चुनरी आदि की दुकान भी खुल गई है। पेड़ में चुनरी साड़ी दान नारियल धूप दीप आदि का चढ़ावा हो रहा है।


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