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शोभायात्रा के साथ माता की प्रतिमाएं विसर्जित

गुमला : मंगलवार को प्रतिमा विसर्जन के साथ ही शारदीय दुर्गोत्सव श्रद्धा भक्ति और विश्वास के साथ संपन

By Edited By: Published: Wed, 12 Oct 2016 04:19 PM (IST)Updated: Wed, 12 Oct 2016 04:19 PM (IST)
शोभायात्रा के साथ माता की प्रतिमाएं विसर्जित

गुमला : मंगलवार को प्रतिमा विसर्जन के साथ ही शारदीय दुर्गोत्सव श्रद्धा भक्ति और विश्वास के साथ संपन्न हो गया। गुमला और आसपास के क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र के सप्तमी तिथि से नवमी तक दुर्गा पूजा की धूम रही। गुमला के सभी पूजा पंडाल गुलजार रहे। माता के दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से शाम तक लगी रही।

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तीन दिवसीय दुर्गा पूजा में शहर और गांव से श्रद्धालुओं ने पूजा पंडाल में आए और माथा टेक शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा से आर्शीवाद मांगा। पूजा पंडालों में मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं स्थापित की गई थीं। मां दुर्गा की महिषासुर का वध करने की प्रतिमा बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश दे रहा था। आस्था और विश्वास के साथ तीन दिनों तक मां दुर्गा की प्रतिमा की हुई पूजा आरती के बाद नवमी को हवन किया गया। हवन के बाद पूजा समिति की ओर से पुरोहितों को भोजन कराया गया। वहीं घरों में शारदीय नवरात्र की उपासना करने वाले उपासकों ने हवन के बाद अपने-अपने घरों में नौ कुंवारी कन्याओं का भोजन कराया। पूजा पंडालों में दशमी तिथि की सुबह सबसे पहले नव पत्रिका का पारंपरिक विधि विधान से पवित्र सरोवर व तालाबों में विसर्जित किया गया। अपराजिता लता धारण के बाद प्रतिमा को ट्रक पर सजाकर शोभा यात्रा निकाली गई।

गुमला के श्री बड़ा दुर्गा मंदिर, बंगाली क्लब, ज्योति संघ, अरुणोदय संघ, शक्ति संघ,विश्व भारती संघ, भारतीय नवयुवक संघ, मालवीय नगर, करौंदी, उर्मी अरमई डुमरडीह पूजा समित, मां भवानी संघ की प्रतिमाओं के साथ गुमला के सभी मुख्य मार्गों में पारंपरिक ढोल नगाड़ा के साथ शोभायात्रा निकाली गई। बंगाली क्लब की प्रतिमा पर बंगाल की पारंपरिक वाद्य यंत्र लोगों को आकर्षित कर रहा था। वहीं कई पूजा समिति के प्रतिमा विसर्जन में डीजे साउंड भी था। इसके गीतों पर पूजा समिति के पदाधिकारी सदस्य झूमते हुए आगे बढ़ रहे थे। चारों ओर उत्साह का माहौल था। विसर्जन जुलूस के साथ माता के दर्शन के लिए गांव-गांव से महिला पुरुष व बच्चे शहर पहुंचे थे।

विसर्जन जुलूस में सबसे आगे-आगे श्री बड़ा दुर्गा मंदिर की प्रतिमा थी। श्री बड़ा दुर्गा मंदिर की प्रतिमा के नेतृत्व में काली मंदिर, वहां से वापस महावीर चौक होते हुए दुन्दुरिया, वहां से लौट कर थाना रोड, टावर चौक, पालकोट रोड, सिसई रोड, मेन रोड होते हुए गुमला के परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम के बाद पुन: सिसई रोड के छठ तालाब में प्रतिमा का विसर्जन किया। जबकि डुमरडीह पूजा समिति की प्रतिमा अरमई तालाब और मालवीय नगर की प्रतिमाओं को करौंदी तालाब में विसर्जित किया गया।


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