कुत्ता के काटने पर सदर अस्पताल ही एकमात्र सहारा
गुमला : गुमला नगर परिषद क्षेत्र में अवारा कुत्तों व मवेशियों की धरपकड़ के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नही
गुमला : गुमला नगर परिषद क्षेत्र में अवारा कुत्तों व मवेशियों की धरपकड़ के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है। एनएच मार्ग हो या गली-मुहल्ला आवारा कुत्तों को झुंड भ्रमण करते मिल जाएंगे। इन कुत्तों की चपेट में छोटे-छोटे बच्चों के आने की संभावना प्रबल रहती है। नगर परिषद कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आवरा कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई प्लान आज तक नहीं बना है। अपने स्तर से भी कोई अभियान संचालित नहीं होता है। कारण यह भी बताया गया कि यदि आवारा कुत्तों या पशुओं को पकड़ा जाए तो उसे रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। शहर में कहीं भी कांजी हाउस नहीं है। शहर के सार्वजनिक स्थानों, होटलों, ढ़ाबों आदि स्थानों पर अवारा कुत्तों की संख्या काफी देखी जा सकती है। लोगों को आवारा कुत्तों का सामना आए दिन करना पड़ता है। कुत्ता के काटने के बाद लोगों को सदर अस्पताल जाकर एंटी रेबीज की सुई लेनी पड़ती है। सिविल सर्जन डा. जेपी सांगा ने बताया कि प्रतिदिन औसतन 25 से 30 लोग एंटी रेबीज का इंजेक्शन लेने सदर अस्पताल पहुंचते हैं। सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबिज की सुई उपलब्ध रहती है। बताया कि एंटी रेबीज सुई की खरीद पर भारी रकम खर्च होती है।