बाल मेला में दिखी बच्चों की व्यावसायिक सोच
गुमला : गुमला के सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में शनिवार को बाल मेला का आयोजन किया गया। बाल मेला को ले
गुमला : गुमला के सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में शनिवार को बाल मेला का आयोजन किया गया। बाल मेला को लेकर शिशु व विद्या मंदिर के बच्चों में खासा उत्साह दिखाई पड़ रहा था। बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी बाल मेला का आनंद उठा रहे थे। बाल मेला में बच्चों के व्यावसायिक सोच के साथ-साथ मनोरंजन और उनकी समृजनशीलता का समावेश था। वे लजीज व्यंजन के व्यावसायिक स्टॉल लगाकर ग्राहकों को आकर्षित करने का काम कर रहे थे। बाल मेला में लगे भेज मनचूरियन, मोमो, गुपचुप, पकौड़ा, झाल मुरही, आलू कट आदि के स्टॉल स्कूली छात्राओं के गृह विज्ञान की कला कौशलता को प्रदर्शित कर रहा था। वहीं सरस्वती पूजा के अवसर पर बुंदिया प्रसाद की मिठास मन को चटपटा लजीज व्यंजन की ओर आकर्षित करने की सोच को भी मजबूत कर रहा था। मीडिया प्रभारी भोलानाथ दास ने बताया कि आज बसंतोत्सव है और बसंतोत्सव में एक और उत्सव के रूप में बाल मेला का आयोजन किया गया है। बाल मेला भी बच्चों के सर्वांगीण विकास का एक हिस्सा है। इसमें मनोरंजन के साथ-साथ स़ृजनशीलता, व्यावसायिक शिक्षा का समावेश है। यह भी पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है। मेला में लजीज व्यंजन के साथ-साथ स्कूली छात्रों ने निशानेबाजी का भी स्टॉल लगाया गया था जिसमें इयर गण से बैलून पर निशाना लगाया जा रहा था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्टॉल में परिषद द्वारा भारत की राष्ट्रीय एकता के लिए चलाए जा रहे प्रकल्पों की जानकारी दी जा रही थी। बाल मेला में अभाविप के संगठन मंत्री सुजीत वर्मा, प्रबंधन समिति के सचिव त्रिभुवन शर्मा, सह सचिव अमृत मेटे, आचार्य सुरेन्द्र कुमार पाठक, विनय कुमार, आचार्य शंतनु ¨सह सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिका शामिल थे। कुछ अभिभावकों ने कहा कि इस मेला को बृहद पैमाने पर आयोजित करना चाहिए।