लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ ऋण वितरण
गुमला : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में बैंकों व प्रखंड के अधि
गुमला : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में बैंकों व प्रखंड के अधिकारियों की शिथिलता के कारण स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध नहीं हो पा रहा। जबकि महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को स्वावलंबी बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बैंकों को लक्ष्य निर्धारित कर ऋण वितरण का निर्देश दिया गया था। प्रखंड के अधिकारियों द्वारा जहां लक्ष्य से काफी कम आवेदन बैंक को उपलब्ध कराया गया वहीं प्रखंडों द्वारा उपलब्ध कराए गए आवेदनों में से कुछ ही आवेदनों का निष्पादन किया गया। बैंक ऑफ इंडिया को कुल 373 स्वयं सहायता के बीच ऋण का वितरण करने का लक्ष्य दिया गया था। इसके विरूद्ध प्रखंडों से केवल 104 आवेदन बैंक को भेजे गए। इनमें से केवल 12 आवेदनों को स्वीकृत करते हुए छह लाख रूपये का ऋण वितरित किया गया। जबकि 92 आवेदन बैंक में लंबित है। इसी प्रकार यूको बैंक को 45 का लक्ष्य दिया गया था। इसके विरूद्ध प्रखंड से 17 आवेदन प्राप्त हुए, इनमें से केवल तीन आवेदनों पर कार्रवाई करते हुए डेढ़ लाख रूपये का ऋण वितरित किया गया। यूबीआई को 32 का लक्ष्य दिया गया था। प्रखंडों से 35 आवेदन प्राप्त हुए। बैंक द्वारा केवल आठ आवदेनों का निष्पादन करते हुए केवल चार लाख रूपये का ऋण वितरित किया गया। 27 आवेदन बैंक में लंबित है। स्टेट बैंक आफ इंडिया को 53 लक्ष्य के विरूद्ध 29 आवेदन प्राप्त हुए। जहां केवल चार मामलों का निष्पादन कर केवल दो लाख रूपये का ऋण वितरित किया गया। झारखंड ग्रामीण बैंक के पास 244 लक्ष्य के विरूद्ध 90 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 37 आवेदनों को स्वीकृत करते हुए 18.5लाख का वितरण किया गया। जिला के बैंकों को कुल 747 स्वयं सहायता समूहों को ऋण वितरण हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके विरूद्ध विभिन्न प्रखडों से कुल 275 आवेदन बैंकों को प्राप्त हुए। जहां 64आवेदनों को स्वीकृत करते हुए 32 लाख रूपये ऋण वितरित किया गया। विभिन्न बैंकों में 211 आवेदन लंबित है।