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नाबलिग को रखा जाता था जानवरों के बीच

जागरण संवाददाता, रांची : पालकोट, गुमला की एक नाबालिग के साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया जाता था। वह

By Edited By: Published: Tue, 14 Apr 2015 06:41 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2015 06:41 PM (IST)
नाबलिग को रखा जाता था जानवरों के बीच

जागरण संवाददाता, रांची : पालकोट, गुमला की एक नाबालिग के साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया जाता था। वह किशोरगंज स्थित एक घर में काम किया करती थी। उसे उसके मालिक दस कुत्तों की बीच ही रखते थे और वही उसे सोने के लिए कहा जाता था। जहां कुत्ते कभी उसके हाथ को खींचते तो कभी उसके बालों को खींचते। उसे कुत्तों के देखभाल के लिए रखा गया था। लेकिन, उसके घरवालों का उसके साथ व्यवहार जानवर से भी बुरा करते थे। किसी तरह वह छिपते-छिपाते उस घर को छोड़कर भागी। रातू थाने की गश्ती टीम ने बच्ची को महिला थाने के हवाले कर दिया था। बाद में महिला थाने ने नाबालिग को बाल संरक्षण आयोग के सामने प्रस्तुत किया। जहां आयोग के सदस्यों ने उससे पूछताछ की।

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पीड़िता ने अपनी पीड़ा सोमवार को झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के पदाधिकारियों के सामने रखा। वह काफी डरी और सहमी हुई थी। उसका कहना था कि वह दो वर्षो से उक्त घर में काम कर रही थी, लेकिन घर वाले उसके साथ जानवरों से भी बदतर सलूक करते थे।

आयोग की अध्यक्ष रूप लक्ष्मी मुंडा ने बताया कि लड़की काफी डरी हुई है। वह अपनी बातों को सही तरीके से नहीं रख पा रही है। फिलहाल उसका काउंसिलिंग किया जाएगा। इस बीच उसे शेल्टर होम में रखा जाएगा। इस दौरान उससे कुछ और भी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद ही टीम किशोरगंज स्थित आवास में मामले की छानबीन करेगी।


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