कच्छप गति से चल रहा जलमीनार निर्माण का कार्य
गुमला : गर्मी ने अभी अपना रंग दिखाना शुरू भी नहीं किया है कि शहरी क्षेत्र के कई हिस्सों में पेयजल सं
गुमला : गर्मी ने अभी अपना रंग दिखाना शुरू भी नहीं किया है कि शहरी क्षेत्र के कई हिस्सों में पेयजल संकट की समस्या शुरू हो गई है। मुहल्लों में लगे हैंडपंपों के समीप सुबह से ही लंबी लाइन लगनी शुरू हो जाती है। शहरी जलापूर्ति योजना के तहत जलमीनार निर्माण कछुआ की गति से होने के कारण लोगों को इस गर्मी में भी पेयजल के लिए हैंडपंपो के समीप लाइन लग कर अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी होगी। शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए नगर विकास द्वारा चार वर्ष शहरी जलापूर्ति योजना की स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं शहर में तीन जलमीनारों के निर्माण के साथ मुहल्लों में घरेलू जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने की योजना पर काम शुरू हुआ था। योजना का क्रियान्वन शुरू होने पर शहर के लोगों में पेयजल संकट दूर होने की आशा का संचार हुआ था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया काम की गति धीमी होती चली गई। दुंदुरिया में रॉक गार्डेन के समीप, करमटोली में प्रशिक्षण महाविद्यालय परिसर के समीप एवं पालकोट रोड में जल मीनारों के निर्माण का काम शुरू हुआ। दुंदुरिया में जल मीनार बनकर तैयार है लेकिन करमटोली में जलमीनार का निर्माण धीमी गति से चल रहा है। पालकोट रोड में जमीन विवाद के कारण जल मीनार का निर्माण ही शुरू नहीं हो सका है। इसी तरह शहर के कुछ मुहल्लो में पाइप लाइन बिछाया गया है, पर अधिकांश मुहल्लों में पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हो सका है। पाइप लाइन नहीं बिछने के कारण अधिकांश घरों में पानी का कनेक्शन ही नहीं है। शहरी क्षेत्र के आबादी लगभग पचास हजार के करीब है एवं रोजान इतनी आबादी के लिए दो लाख लीटर से ज्यादा पानी की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे में जलमीनारों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में शहर की आधी से ज्यादा आबादी को पेजयल की समस्या का सामना करना पड़ेगा।