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सिसई में विकास का हाल बेहाल

गुमला : सूबे की शिक्षा मंत्री सह सिसई विधायक गीताश्री उरांव क्षेत्र के विकास का वादा चाहे जितना कर ल

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 12:02 AM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 12:02 AM (IST)
सिसई में विकास का हाल बेहाल

गुमला : सूबे की शिक्षा मंत्री सह सिसई विधायक गीताश्री उरांव क्षेत्र के विकास का वादा चाहे जितना कर लें, पर क्षेत्र में कागजी घोषणाओं का जाल व विकास का हाल बेहाल नजर आता है। शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में शिक्षकों का हाल बेहाल है। नागफेनी में कल्याण विभाग से करोड़ों की लागत से बना अस्पताल आज तक शुरू नहीं हो सका। जिले के टेट पास पारा शिक्षकों की आज तक नियुक्ति नहीं हो सकी। जबकि दूसरे कई जिलों में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र के कई गावों तक जाने के लिए आज तक अच्छी सड़क का निर्माण नहीं हो सका। सिसई से बसिया प्रखंड को जोड़नेवाली सड़क का निर्माण बंद पड़ा हुआ है। पांच सालों में किसानों के खेत में पानी नहीं पहुंचा, तो शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं हुए। ग्रामीण जलापूर्ति का काम भी अधर में लटका हुआ है। गरीबी व बेकारी आज भी विधानसभा क्षेत्र के विकास की हकीकत का उजागर करती है।

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विधानसभा क्षेत्र का मुख्य मुद्दा..

पूसो व करंज को नहीं मिला प्रखंड का दर्जा

वादों व घोषणाओं के बीच पांच वर्ष गुजर गए, पर सिसई प्रखंड के पूसो व भरनो प्रखंड के करंज को प्रखंड का दर्जा नहीं मिल सका। जनता आंदोलन करती रही और विधायक आश्वासन देती रहीं। मंत्री रहने के बावजूद गीताश्री उरांव द्वारा प्रखंड का दर्जा नहीं दिला पाने से क्षेत्र की जनता में काफी नाराजगी है। ग्रामीणों द्वारा मंत्री का पुतला भी फूंका जा चुका है। क्षेत्र की जनता को आशा थी कि प्रखंड का दर्जा मिलने से क्षेत्र का चहुमुंखी विकास होगा, पर उम्मीदों पर पानी फिर गया। इस बार के चुनाव में प्रखंड का निर्माण नहीं हो पाना इस क्षेत्र के लिए मुख्य चुनावी मुद्दा बनेगा।

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क्षेत्र के विकास के लिए किया काम : गीताश्री उरांव

मंत्री सह विधायक गीताश्री उरांव ने दावा किया कि पिछले पांच वर्षो में उन्होंने क्षेत्र का विकास कराने का काम किया है। चार वर्षो में विधायक मद के 12 करोड़ में 11.80 करोड़ रुपये विकास पर खर्च हो चुके हैं। गांव-गांव में सड़क, सामुदायिक भवन, चबूतरा का निर्माण, छठ तालाब में सीढ़ी निर्माण कराकर क्षेत्र में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराया है। इसके अलावा सिसई में थाना रोड का निर्माण, बसिया प्रखंड को अनुमंडल का दर्जा, सिसई बसिया पथ का चौड़ीकरण, पूसो व करंज को प्रखंड बनाने की प्रकिया शुरू कराना, सिसई व बसिया में पावर सब स्टेशन में उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर स्थापित कराने का काम किया है।

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विकास के नाम पर क्षेत्र का विनाश : समीर उरांव

सिसई विधानसभा के वर्ष 2009 में हुई चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के समीर उरांव क्षेत्र में गीताश्री उरांव द्वारा विकास को लेकर की गई बातों से इत्तफाक नहीं रखते। कहा, पिछले पांच वर्षो में क्षेत्र का विकास नहंी विनाश हुआ है। क्षेत्र में सुलभ सड़क, पेयजल, बिजली का अभाव बना हुआ है। क्षेत्र की जनता को रोजगार मुहैया नहीं है। गीताश्री उरांव द्वारा बसिया को अनुमंडल का दर्जा दिलाने, सिसई व करंज को प्रखंड का दर्जा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कराने एवं सिसई-बसिया रोड का चौड़ीकरण कराने की पहल करने की बात बेमानी है। कहा, ये सभी काम क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक दिनेश उरांव के कार्यकाल में प्रस्तावित थे एवं गैर सरकारी संकल्प भी भाजपा के शासन काल में पारित कराया गया था। उन्होंने कहा कि एक भी जनहित का बड़ा काम विधायक द्वारा नहीं किया गया।

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लोगों की प्रतिक्रिया..

क्षेत्र का नहीं हुआ अपेक्षित विकास

सिसई/ भरनो : विधानसभा क्षेत्र के लोग विकास के पैमाने पर विधायक को पूरे अंक देने के मूड में नहीं हैं। सुलभ सड़क का अभाव व पूसो को प्रखंड का दर्जा नहीं मिल पाने से ग्रामीणों में नाराजगी है। सिसई के कुदरा निवासी सुखन लोहरा ने कहा कि क्षेत्र में विकास कहीं नहीं दिखता। विशेषकर गांव की हालत जस की तस है। हर्री निवासी रामचरित सिंह ने कहा कि ग्रामीणों को विधायक द्वारा पूसो को प्रखंड का दर्जा दिलाने की बात कही गई थी। ग्रामीण काफी आशान्वित थे, पर निराशा ही हाथ लगी। भरनो प्रखंड के रायकेरा निवासी शमीम अंसारी ने कहा कि भरनो ब्लाक मोड़ से लोहरदगा तक जाने के लिए पथ की स्थिति काफी जर्जर है। पथ निर्माण के लिए विधायक ने कोई प्रयास नहीं किया। भरनो के विकास केसरी ने कहा कि जब वोट का समय आता है तो विधायक या दूसरे प्रत्याशी गांव की ओर आते हैं, पर चुनाव जीतने के बाद उन्हें सिर्फ दिल्ली की याद आती है। जनता को बदहाल छोड़ खुद खुशहाल जिंदगी व्यतीत करने लगते हैं।


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