Move to Jagran APP

ईसीएल में उत्पादन बाधित से घटी कोयले की आपूर्ति

गोड्डा : ईस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड की ललमटिया इकाई में कम उत्पादन होने का असर अब एनटीपीसी पर पड़ने लगा

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 01:00 AM (IST)
ईसीएल में उत्पादन बाधित से घटी कोयले की 
आपूर्ति
ईसीएल में उत्पादन बाधित से घटी कोयले की आपूर्ति

गोड्डा : ईस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड की ललमटिया इकाई में कम उत्पादन होने का असर अब एनटीपीसी पर पड़ने लगा है। एनटीपीसी के जीएम डीडी मंडल, जेजीएम बीके झा ने कहा है कि एनटीपीसी फरक्का को 21000 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिए प्रतिदिन 30 से 40 हजार टन कोयले की आवश्यकता है। इसके विरुद्ध राजमहल परियोजना से एक रैक यानी तीन हजार टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। इस कारण एनटीपीसी का कोयले का स्टॉक दिन-ब-दिन घटता जा रहा है तथा आगामी 5 से 6 दिनों में कोयले का स्टॉक समाप्त हो सकता है। इसका सीधा असर विद्युत उत्पादन पर पड़ेगा तथा फरक्का की कई इकाइयां बंद हो सकती हैं। एनटीपीसी अधिकारियों की माने तो मानसून आरंभ होने के पहले यदि कोयले का पर्याप्त स्टॉक नहीं मिला तो पांच राज्यों बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम में भारी विद्युत संकट उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने अविलंब कोयला उत्पादन से जुड़ी समस्याओं के निदान की मांग की है। वर्तमान में एनटीपीसी फरक्का को 2 लाख टन कोयले का स्टॉक है जो दो से 3 दिन के लिए ही पर्याप्त है। मानसून को देखते हुए 7 लाख टन अतिरिक्त कोयला स्टॉक की आवश्यकता है। जीएम डीडी मंडल की मानें तो उत्पादन कम होने का असर झारखंड के संथाल परगना पर भी सर्वाधिक पर सकता है।

loksabha election banner

--------

20 जून के बाद और गहरा सकता संकट : डीजीएमएस ने भादो टोला के पास आगामी 20 जून तक ही खान में विस्फोट की इजाजत दी है डीजीएमएस ने कहा है कि इसके पूर्व भादो टोला गांव को विस्थापित कर लिया जाए ताकि विस्फोटों का असर गांव पर न पड़े। यदि हालात यही रही तो भादो टोला खनन क्षेत्र से भी कोयले का उत्पादन 20 जून के बाद बंद हो सकता है तथा एनटीपीसी को वर्तमान में जारी एक रैक कोयले की आपूर्ति भी बंद हो सकती है। राजमहल हादसे के बाद डीजीएमएस की कठोर खनन नीति के अनुपालन में प्रतिदिन 50 से 70 हजार टन होने कोयला उत्पादन इन दिनों घटकर 20 से 25 हजार टन हो गई है। इससे एनटीपीसी फरक्का एवं कहलगांव को निर्धारित मात्रा से कम कोयले का उत्पादन किया जा रहा है।

इस संबंध में परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी संजय कुमार ¨सह ने कहा है की परियोजना भादो टोला को तमाम सुविधाएं एवं मुआवजा दे रही है। बावजूद उनके द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराने से समस्याएं दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। बताया कि 20 जून तक की खान में विस्फोट की अनुमति डीजीएमएस से उन्हें प्राप्त है। यदि यह अनुमति उन्हें आगे नहीं मिली तो वर्तमान में हो रहे कोयला उत्पादन पर भी भारी असर पड़ेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.