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शॉट सर्किट से समाहरणायल में लगी आग

गोड्डा : गोड्डा समाहरणालय में गुरुवार को एक बड़ा हादसा टल गया। समाहरणालय कर्मचारियों की तेजी से समाहर

By Edited By: Published: Fri, 06 May 2016 01:04 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 01:04 AM (IST)
शॉट सर्किट से समाहरणायल में लगी आग

गोड्डा : गोड्डा समाहरणालय में गुरुवार को एक बड़ा हादसा टल गया। समाहरणालय कर्मचारियों की तेजी से समाहरणालय में लगी आग पर तत्काल काबू कर लिया गया। इस घटना में बहुत नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन समाहरणालय की आग से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई खामियां भी उजागर हुई हैं।

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गुरुवार की दोपहर उपायुक्त कार्यालय से सटे एनआइसी विभाग के सामने रखे सीपीयू में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गयी। आग लगते ही एनआइसी और उपायुक्त कार्यालय के बीच में धुआं भर गया। देखते ही देखते कर्मचारी अपने कार्यालय को छोड़ बाहर भागने लगे। पूरा बरामद धुआं से भर गया। इस बीच कर्मचारी ने कार्यालय में रखा अग्निशमन यंत्र से सीपीयू में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया। एक सिलेंडर अग्निशमन यंत्र का प्रयोग करने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। बाद में पूरे समाहरणालय की बिजली काटी गयी और इसके बाद पुन: दुबारा आग को बुझाने का प्रयास किया। इसके बाद आग काबू में आई। आग लगने की सूचना पर समाहरणालय के विभागों में कार्यरत काफी संख्या में कर्मचारी पहुंच गए। कुछ देर के बाद उपायुक्त अरबिंद कुमार भी पहुंचे और आग का जायजा लिया। इस बीच सूचना पाकर अग्निशमन दल के दो दमकल भी मौके पर पहुंच गए। लेकिन तब तक आग को पूरी तरह से नियंत्रण में कर लिया गया था।

हो सकती थी बड़ी घटना : सीपीयू में आग लगने की इस घटना ने समाहरणालय में अग्निशमन यंत्रों की कमी की भी पोल खोल कर रख दी है। जहां आग लगी थी वहां काफी संख्या में बैटरी और विभागीय कागजात रखे हुए थे। आग यदि विकराल होती तो बड़ी घटना हो सकती थी। वहीं समाहरणालय में कहीं भी अग्निशमन यंत्रों का लगा नहीं होना भी बड़ी घटना को आमंत्रण देता है। आग लगने के बाद नीचे के तल से अग्निश्मन यंत्र लाकर इसपर काबू किया गया।

बिजली की आग को पानी से बुझाने का प्रयास : समाहरणालय में जो आग लगी थी वह बिजली के उपकरणों में लगी थी। इसे बुझाने के लिए अग्निशमन दल की ओर से पानी टैंकर लेकर पहुंचा गया था। समाहरणालय कर्मचारियों द्वारा जब आग बुझाया जा रहा था तो उस वक्त पूरे भवन में बिजली का संचार हो रहा था। यहां तक की सीपीयू से भी बिजली दी जा रही थी। ऐसे में यदि इस पर पानी का उपयोग किया जाता तो बड़ा खतरा हो सकता था।


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