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जयंती पर याद किए गए वीर कुंवर सिंह

गोड्डा : बाबू वीर कुंवर सिंह स्मारक समिति के तत्वावधान में जयंती के अवसर पर गुरुवार को स्थानीय कझ

By Edited By: Published: Thu, 23 Apr 2015 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2015 08:09 PM (IST)
जयंती पर याद किए गए वीर कुंवर सिंह

गोड्डा : बाबू वीर कुंवर सिंह स्मारक समिति के तत्वावधान में जयंती के अवसर पर गुरुवार को स्थानीय कझिया नदी के समीप प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।

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इस अवसर पर उपस्थित नगर पंचायत अध्यक्ष अजीत ंिसह ने कहा कि बाबू वीर कुंअर सिंह फिरंगियों के लिए खौफ थे। 80 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने जिस दिलेरी और उत्साह के साथ अंग्रेजों के छक्के छुड़ाये और अपने प्राण को आजादी की बलि बेदी पर न्यौछावर कर दिया। इससे युवकों को सीख लेने की जरूरत है। प्राचार्य अशोक सिंह ने कहा कि वीर कुंवर सिंह ने समाज के सभी वर्गो को समान रूप से अधिकार देने की वकालत की थी। वह आजादी के 67 वर्षो बाद भी अधूरी है। वे अंग्रेजों द्वारा जबरन लगान वसूली का विरोध करते थे और वही आगे चलकर क्रांति में तब्दील हो गया। राजेश झा ने कहा कि बाबू कुंवर ंिसह ने बूढ़ी हड्डी में इस प्रकार की वीरता का प्रदर्शन किया था। अगर वे जबानी में आजादी की लड़ाई में कूदते तो अंग्रेजों का पहले ही सफाया हो गया होता। इस अवसर पर समिति सदस्यों ने वीर कुंवर ंिसह की नयी प्रतिमा स्थापित करने की आवश्यकता जतायी।

इस अवसर पर परमानंद साह, अशोक यादव, अजीत कुमार, एन के सिंह आदि ने भी वीर कुंवर ंिसह की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया।


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