पहले आमरण अनशन अब आत्मदाह की चेतावनी
मेहरमा : ऐतिहासिक मेहरमा मेला मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए एक बार फिर प्रशासनिक उलझन में फंस गया है। लगातार मिलने आश्वासन कोरा साबित होने के कारण मेहरमा व बनौधा के ग्रामीणों के बीच प्रशासन के प्रति आक्रोश गहराने लगा है। सत्यवादी संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिरूद्ध कुमार अनुज ने बताया कि 52 बीघा मेला मैदान को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए 21 जून को प्रखंड कार्यालय के समक्ष मेहरमा व बनौधा के ग्रामीणों ने आमरण अनशन किया था। 25 जून को भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव मेहता की पहल पर सभी 34 अतिक्रमणकारियों को मेला मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए नोटिस देने के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त किया। इसी क्रम में 17 जून को अंतिम नोटिस भेजा गया था। जिसमें तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। निर्धारित समय सीमा के अन्दर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अंतिम नोटिस पर मेला मैदान को खाली नहीं करने पर दंडाधिकारी ने जिला प्रशासन को पत्र लिखने की बात कही थी। परंतु निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। अनुज ने बताया कि इस बार मेला मैदान खालीं नही कराया गया तो सामूहिक रूप से ग्रामीणों द्वारा आत्मदाह किया जाएगा। अंचलाधिकारी अमल कुमार ने बताया कि अब मेला मैदान की मापी के पश्चात हीं आगे की कार्यवाही की जाएगी।