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मूक दहाड़ से जागा प्रशासन

मूक-बधिर अधेड़ की मूक दहाड़ ने पूरे प्रशासन को नींद से जगा दिया है। शनिवार को पीरटांड़ प्रखंड के खरपोका पंचायत के दोंदोसिमर निवासी मूक-बधिर सरकार कोल के पास प्रशासनिक अमला पहुंचा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 07:01 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 07:07 AM (IST)
मूक दहाड़ से जागा प्रशासन

जागरण संवाददाता, पीरटांड़ (गिरिडीह)। मूक-बधिर अधेड़ की मूक दहाड़ ने पूरे प्रशासन को नींद से जगा दिया है। शनिवार को पीरटांड़ प्रखंड के खरपोका पंचायत के दोंदोसिमर निवासी मूक-बधिर सरकार कोल के पास प्रशासनिक अमला पहुंचा। गांव जाने के लिए चिरकिया नदीं पर पुल बनाने की घोषणा की। वहीं चुपचाप अकेले दम दोंदोसिमर में चिरकिया नदी में उतरने व चढऩे के लिए रास्ता बनाने में जुटे सरकार कोल पर नेमतों की बौछार कर दी। अधिकारियों ने उसके सामने हाथ जोड़ उसे वास्तविक सरकार बताया।

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सीओ ने उसे पचास किलो चावल उपलब्ध कराया, तो बीडीओ ने उसके हौसले का सम्मान करते हुए आर्थिक मदद की। बताते चलें कि सरकार कोल की पहल को दैनिक जागरण ने उजागर करते हुए उसे तीन दिसंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। बताया था कि कैसे एक मूक-बधिर खामोशी से चिरकिया नदी को पार करने के लिए अकेले दम रास्ता बनाने के भागीरथी प्रयास में जुटा है।

खबर पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने तत्काल बीडीओ बैद्यनाथ उरांव व सीओ यशवंत नायक को मामले की जांच करने मौके पर भेजा। लगभग ग्यारह बजे दिन में दोनों अधिकारी मौके पर पहुंचे। सरकार कोल द्वारा बनाए जा रहे रास्ते को देखा। जिस समय दोनों अधिकारी वहां पहुंचे, सरकार खाना खाने घर जा चुका था। दोनों पदाधिकारी पैदल नदी पार कर उसके गांव दोंदोसिमर पहुंचे। उससे मिले और उसके साथ जमीन पर बैठे। उसकी झोपड़ी के अंदर गए। आसपास के लोगों से उसके बारे में जानकारी ली।

पता चला कि सरकार कोल की पत्नी का देहांत काफी पहले हो चुका है। उसका भाई अखलू कोल उसकी देखभाल करता है। अधिकारियों ने उसका आधार कार्ड लिया और राशन कार्ड में नाम चढ़ाने, प्रतिमाह अनाज दिलाने तथा गांव का समुचित विकास करने की बात कही। पदाधिकारियों ने कहा कि वे सरकार कोल के जज्बे को सलाम करते हैं। वे जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को सौपेंगे। सरकार की पहल रंग लाएगी और इस गांव की तस्वीर बदलेगी। अधिकारियों ने गांव के कई लोगों का मोबाइल नंबर लिया और अपना नंबर दिया। कहा कि ग्रामीण किसी भी समस्या पर उनसे बात करें।

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