15 फीसद से अधिक की नहीं कर सकेंगे निकासी
गिरिडीह : वित्तीय वर्ष के अंत में अर्थात मार्च में कोषागार से निकासी की संख्या में अप्रत्याशित रूप स
गिरिडीह : वित्तीय वर्ष के अंत में अर्थात मार्च में कोषागार से निकासी की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि होती है। इस वर्ष 2016-17 में इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के सचिव स्तर से ही सक्रियता देखी जा रही है। योजना एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने संबंधित सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, विभागाध्यक्ष, उपायुक्तों एवं कोषागार के पदाधिकारियों को पत्र निर्गत कर आदेश दिया है कि मार्च 2017 में आवंटित राशि की 15 फीसद ही निकासी कराई जाए। विशेष परिस्थिति में राशि की निकासी के लिए वित्त विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी से संपर्क करें। अपर मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में गिरिडीह के उपायुक्त उमाशंकर ¨सह ने भी संबंधित सभी अधिकारियों को आठ निर्देश जारी किया है।
जारी आदेश में कहा गया है कि 28 फरवरी तक प्रापत आवंटन के विरुद्ध विपत्रों को 10 मार्च तक कोषागार में जमा करा दें जिससे बाद में इसे पारित करते हुए 15 मार्च तक वापस कर दिया जाए। 01 मार्च से 10 मार्च तक प्रापत आवंटन के विरुद्ध चेक व विपत्रों को 15 मार्च तक कोषागार में लिया जाएगा, जहां से 20 मार्च तक पारित कर उसे वापस किया जा सकेगा। वहीं 11 मार्च से 20 मार्च तक प्रापत आवंटन के विरुद्ध 23 मार्च तक ही कोषागार द्वारा उसे स्वीकार किया जाएगा जबकि 21 मार्च से 28 मार्च तक प्राप्त आवंटन को लेकर 29 मार्च तक ही कोषागार विपत्रों को स्वीकार करेगा। 28 मार्च के बाद प्राप्त आवंटन 31 मार्च की दोपहर 2 बजे तक स्वीकार किया जाएगा। रिफंड संबंधी चेक 28 फरवरी तक स्वीकार होगा। नन-एलॉटमेंट से संबंधित विपत्र (पेंशन, उपादान, ग्रुप बीमा, अव्यह्त अवकाश व सामान्य भविष्य निधि) 10 मार्च के बाद कोषागार स्वीकार नहीं करेगा। यह भी कहा है कि राज्य योजना एवं गैर योजना मद में आवंटित फंड से 15 फीसद राशि की निकासी मार्च में की जाए, वहीं केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश की विमुक्ति की प्रत्याशा में राज्यांश कर 50 फीसद राशि व्यय की जा सकती है।