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नक्सली भी चाहते विकास : डीजीपी

सूबे के डीजीपी डीके पांडेय सोमवार को जैन तीर्थंकरों की निर्वाणस्थली पारसनाथ पहाड़ पहुंचे। यहां उन्होंने माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन विजय हिल के तहत हो रहे विकास कार्यों का जायजा लिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 31 May 2016 05:25 AM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 06:13 AM (IST)
नक्सली भी चाहते विकास : डीजीपी

जासं, मधुबन (गिरिडीह)। सूबे के डीजीपी डीके पांडेय सोमवार को जैन तीर्थंकरों की निर्वाणस्थली पारसनाथ पहाड़ पहुंचे। यहां उन्होंने माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन विजय हिल के तहत हो रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पारसनाथ की तराई में बसे कुल अड़तीस गांवों का चौमुखी विकास होना तय है। गांवों का विकास होते ही माओवाद स्वत: खत्म हो जाएगा।

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उन्होंने कहा कि नक्सली भी विकास चाहते हैं। विकास नहीं होने के कारण ही जनता के बीच पैठ जमाने में माओवादी कामयाब रहे। पिछले कई माह से छापेमारी अभियान चलाए जाने से माओवादियों का मनोबल टूटा है।

उन्होंने एसपी अखिलेश वी बारियर, उपायुक्त उमाशंकर ङ्क्षसह और अभियान में शामिल कंपनियों के जवानों की पीठ ठोंकी। मौके पर एडीजी मुख्यालय एमएस भाटिया, एडीजी अभियान अनुराग गुप्ता, बोकारो जोन के डीआइजी बीके टोप्पो सहित सीआरपीएफ के कमांडेंट, एसडीपीओ डुमरी भी मौजूद थे।

इससे पूर्व सुबह साढ़े 11 बजे हवाई मार्ग से मधुबन पहुंचते ही वे पारसनाथ पर्वत की ओर दल-बल के साथ कूच कर गए। पारसनाथ पर्वत पर बनाई जा रही सड़क से ही बाइक से डाक बंगला तक सभी प्रशासनिक अधिकारी गए। पाश्र्वनाथ मंदिर में पूजा के बाद डीजीपी ने विकास कार्यों का जायजा लिया।

लेवी बिना राज्य में नहीं होता एक भी काम : बाबूलाल

गिरिडीह। झाविमो सुप्रीमो सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सूबे की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गिरिडीह समेत पूरे सूबे में नक्सलियों की समानांतर सरकार चल रही है। विकास का कोई भी काम नक्सलियों को लेवी दिए बिना नहीं होता। लगातार लोगों की हत्या और पुलिस से मुठभेड़ कर नक्सली चुनौती दे रहे हैं। रघुवर सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।

उन्होंने ऐलान किया कि यदि सरकार गरीबों को राशन-केरोसिन नहीं देगी तो राज्यभर के लोग सचिवालय कूच करेंगे। वे सोमवार को यहां झंडा मैदान में अपनी पार्टी के दो दिवसीय धरना के समापन पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बावजूद तीन माह से गरीबों को राशन-केरोसिन नहीं मिलने के विरोध में रविवार से धरना दिया।


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