मनरेगा में गड़बड़ी हुई तो दंडित होंगे रोजगार सेवक
गिरिडीह : मनरेगा योजना नहीं अधिनियम है। इसके तहत बेरोजगार श्रमिकों को सौ दिन रोजगार मिलन
गिरिडीह : मनरेगा योजना नहीं अधिनियम है। इसके तहत बेरोजगार श्रमिकों को सौ दिन रोजगार मिलने की गारंटी है। इसे धरातल पर उतारने में ग्राम रोजगार सेवकों की अहम भूमिका होती है। अगर कोई गड़बड़ी होती है तो इसके लिए वे स्वयं जिम्मेवार होंगे और दंडित भी किए जाएंगे। अगर कहीं गलती करते धरे गए तो सेवानिवृत्ति के बाद भी राशि की वसूली उनसे की जाएगी। इसलिए पूरी तन्मयता के साथ इस अधिनियम को लागू करने में अपना-अपना योगदान दें। साथ ही मनरेगा के तहत सभी मजदूरों को साल में हर हाल में सौ दिन रोजगार सुनिश्चित किया जाए। यह बातें उपायुक्त उमाशंकर ¨सह ने शुक्रवार को नगर भवन में आयोजित मनरेगा प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई लोभ न पाले, क्योंकि इससे लाभुकों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा। इसके लिए सभी को संयुक्त रूप से काम करने की आवश्यकता है। काम के साथ-साथ यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि श्रमिकों को मेहनताना की राशि मिलने में विलंब नहीं हो। अगर ऐसा हुआ तो इसका लाभ संबंधितों को नहीं मिल सकेगा। आए दिन इसमें कुछ न कुछ बदलाव हो रहा है, इसलिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। सभी यहां से मिले मंत्रों को क्षेत्र में लागू करें। तमाम कार्यों के साथ ही रिकार्ड पंजी संधारण का भी ध्यान रहें। यह जरूरी है। यहां प्रशिक्षु आइएएस मेघा भारद्वाज, डीआरडीए के निदेशक पंकज कुमार ¨सह, परियोजना पदाधिकारी बसंत कुमार ने भी संबंधित जानकारी मौजूद कर्मियों को दी। शिविर में सभी बीपीओ व रोजगार सेवक उपस्थित थे।