पेंशन के लिए 60 सुहागिनें बन गईं विधवा, ऐसे खुला राज
दर्जनों महिलाओं ने विधवा पेंशन के लिए आवेदन दिया है जबकि उनके पति अभी जीवित हैं।
बिरनी (गिरिडीह), जेएनएन। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए कई व्रत करती हैं। घंटों उपवास रख पूजा-अर्चना करती हैं ताकि उनका सुहाग सही सलामत रहे, लेकिन पति के प्रति इस समर्पण की भावना और आस्था पर अब लालच भारी पड़ने लगा है। यही वजह है कि चंद रुपयों के लिए महिलाओं ने पति के जीवित रहते उन्हें मृत बता दिया। महिलाओं ने ऐसा विधवा पेंशन के लिए किया है।
मामला बिरनी प्रखंड अंतर्गत कुसमई पंचायत का है। पंचायत की दर्जनों महिलाओं ने विधवा पेंशन के लिए आवेदन दिया है जबकि उनके पति अभी जीवित हैं। मुखिया मो. शाबिर अंसारी ने 69 सुहागिन महिलाओं को विधवा पेंशन दिलाने को लिए अपनी अनुसंशा कर बिरनी अंचलाधिकारी को प्रतिवेदन सौंपा। इनमें 60 महिलाएं सुहागिन निकलीं और सभी के पति जीवित पाए गए।
जानिए, कैसे हुआ खुलासा:
विधवा पेंशन संबंधी आवेदन आने के बाद बीडीओ ने संबंधित महिलाओं के पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का निर्देश पंचायत सेवक को दिया। पंचायत सेवक मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के पहले एक बार स्वयं जांच करने के लिए गांव पहुंचे। जांच के क्रम में पता चला कि मुखिया द्वारा अनुशंसित 69 में से 60 महिलाओं के पति जीवित हैं। पंचायत सेवक ने इसकी सूचना बीडीओ को दी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा।
बीडीओ ने मांगा स्पष्टीकरण:
मामले का खुलासा होने पर बीडीओ इंदर कुमार ने मुखिया, उप मुखिया व कर्मचारी से अविलंब स्पष्टीकरण की मांग की। उप मुखिया मुनेजा खातून ने स्पष्टीकरण के जवाब में अनुशंसित प्रतिवेदन में उनका फर्जी हस्ताक्षर होने की बात कही है। बताया कि विधवा पेंशन संबंधी प्रतिवेदन उन्होंने नहीं दिया है और न ही इसकी जानकारी उन्हें है। इसका मिलान के बाद बीडीओ प्रथम दृष्टा फर्जी पाया है। मुखिया साबिर अंसारी ने पूछे जाने पर कहा कि इस मामले में आकर मिलेंगे। बीडीओ कुमार ने कहा कि मामला गंभीर है। जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई होगी।
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