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प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बनें युवा

पारसनाथ (गिरिडीह) : शुक्रवार का दिन पीरटांड़ के वैसे किशोरों व युवाओं के लिए खास था जो उग्रवाद प्रभा

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 12:14 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 12:14 AM (IST)
प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बनें युवा
प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बनें युवा

पारसनाथ (गिरिडीह) : शुक्रवार का दिन पीरटांड़ के वैसे किशोरों व युवाओं के लिए खास था जो उग्रवाद प्रभावित होने के कारण विकास की दौड़ में पिछड़ गए है। अतिपिछड़े गावों में रहने के बावजूद वे युवा एक बेहतर भविष्य का सपना बुनने में जुटे हैं। उनके इन्हीं रंगीन सपनों में तब अनायास ही पंख लग गए जब उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने अपनी प्रेरक बातों से बाल व युवा मन में उत्साह का संचार किया। मौका था पीरटांड़ के चिरकी सभागार में कौशल विकास प्रशिक्षण के उदघाटन का। कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त उमा शंकर ¨सह व पुलिस अधीक्षक अखिलेश बी वारियार ने संयुक्त रूप से किया।

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उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि प्रशासन हर हाल में उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचने में सहयोग करेगा। बस जरूरत है अपने सपनों के हिसाब से कठोर परिश्रम करते हुए किसी तरह के हुनर प्राप्त करने की। वास्तविकता से अवगत कराते हुए बताया गया कि केवल सरकारी नौकरी को अपना लक्ष्य न बनाएं, क्योंकि एक बड़ा वर्ग प्राइवेट काम करते हुए आज बेहतर स्थिति में है। युवाओं को आज के दौर में तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता को बताया गया। साथ ही यह भी संकेत दिए गए कि जीवन का लक्ष्य चाहे जो भी हो पर उसे पाने में कंप्यूटर व इंटरनेट का भरपूर सहयोग लिया जा सकता है। बस जरूरत है इसके उपयोग की विधि जानने की। मौके पर उपायुक्त ¨सह ने कहा कि पीरटांड़ जैसे प्रखंड के युवक-युवती भटकें नहीं बल्कि कंप्यूटर व मोबाइल एप्लीकेशन का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वावलंबी बनें। इस तरह का तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार का सृजन करते हुए स्वावलंबी बन सकते हैं। ऐसे कई युवा हैं जो कंप्यूटर का ज्ञान लेना चाहते हैं पर साधन न होने के कारण वे अपना सपना पूरा कर नहीं पाते हैं। अब वे इस कार्यक्रम के तहत कंप्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल संबंधी जानकारी लेकर अपने इच्छानुरूप कार्य कर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक वारियार ने कहा कि कंप्यूटर आदि बहुत ही विस्तृत क्षेत्र है। बस जरूरत है इसकी बारिकियों को जानने की। अगर आप प्रशिक्षित हैं तो अपना रोजगार भी शुरू कर सकते हैं और इसके लिए बैंक ऋण भी देता है। अगर बच्चे बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें प्लेसमेंट कराने के भी प्रयास किया जाएगा। बताते चलें कि एआइएसइसीटी नामक संस्था द्वारा प्रखंड के 21 गांवों के बच्चों को विविध विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत वैसे युवाओं को प्रशिक्षण देना है जो स्वावलंबी बनना चाहते हैं। इस दौरान 6 माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेगा। मौके पर प्रमुख सीकंदर हेम्ब्रम, बीडीओ वैद्यनाथ उरांव, सेंटर मैनेजर तबरेज आलम, सेंटर इंचार्ज मो. जहांगीर अंसारी सहित भारी संख्या में युवक व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

गेस्ट हाउस का निरीक्षण :

उपायुक्त ने मधुबन में नवनिर्मित गेस्ट हाउस का निरीक्षण भी किया। इस क्रम में अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।


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