भाई के हत्यारोपी को उम्रकैद, चार को आठ साल कारावास
गिरिडीह : गिरिडीह जिला अदालत के लिए गुरुवार का दिन फैसलों का दिन रहा। आधा दर्जन बड़े मामलों, जिसमें ह
गिरिडीह : गिरिडीह जिला अदालत के लिए गुरुवार का दिन फैसलों का दिन रहा। आधा दर्जन बड़े मामलों, जिसमें हत्या, गैर इरादतन हत्या, दहेज हत्या सहित मामलों की सुनवाई की गई। इसके कारण दिनभर अदालत परिसर में गहमागहमी का माहौल रहा।
जिला जज सप्तम संजीता श्रीवास्तव की अदालत ने गुरुवार को सगे बड़े भाई की हत्या के आरोप में भोला ठाकुर को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। अन्य धाराओं में उन्हें दो वर्ष, एक वर्ष एवं एक माह की सजा सुनाई गई। सभी सजा साथ-साथ चलेगी। अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इसके पूर्व सजा की ¨बदु पर बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक मुस्लिम अंसारी ने कहा कि हत्यारे की मंशा एक साथ कई हत्याएं करने की थी। लिहाजा उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। सोमवार को अदालत ने भोला ठाकुर को दोषी करार दिया था।
घटना तीन जनवरी 2016 की जमुआ थाना अंतर्गत नवडीहा ओपी क्षेत्र के गादीखुर्द कैरीडीह गांव की है। अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए मृतक की पत्नी ने कहा कि उसे अदालत पर पूरा भरोसा था। आज उसे न्याय मिला है।
-क्या है मामला
इस कांड की सूचक सुमा देवी की ओर से दर्ज प्राथमिकी में बताया कि तीन जनवरी 2016 की शाम 6 बजे उसके पति खोखन हजाम यजमान से सालाना धान लेने घर से जा रहे थे। यजमान को लेकर पति एवं उनके भाई भोला ठाकुर एवं उनके परिवार से दुश्मनी चल रही थी। घर से दो सौ मीटर की दूरी पर भोला ठाकुर, मीना देवी, केवली देवी एवं नीतेश ठाकुर सबल, तलवार आदि से लैस होकर मेरे पति को घेर कर मारपीट करने लगे। उनलोगों ने सबल से पति के दोनों पैर तोड़ दिए। तलवार से हाथ काट दिया एवं माथे पर गंभीर जख्म पहुंचाया। पति को बचाने के लिए वह दौड़ कर गई और हल्ला करने लगी। तब ग्रामीणों ने आकर पति को बचाया। गंभीर रूप से जख्मी पति को लेकर सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चार जनवरी 2016 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
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गैर इरादतन हत्या में महिला समेत चार को आठ साल कारावास
बगोदर थाना क्षेत्र के घरघुल्ली गांव के निवासी कारू माली की गैर इरादतन हत्या एवं हत्या के प्रयास के मामले में जिला जज वन प्रदीप कुमार चौबे की अदालत ने गुरुवार को छोटी माली, मनोज माली, संदीप माली व मीना देवी को आठ साल कारावास एवं दस-दस हजार रुपये का जुर्माना किया है। साथ ही अन्य धाराओं में भी छह साल की सजा सुनाई गई। सभी सजा साथ-साथ चलेगी। यह घटना 17 दिसंबर 2013 की है।
आंगन में पानी गिराने को लेकर घटी थी घटना
इस कांड के सूचक रामचरण माली ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके नाती ने आंगन में पानी गिरा दी थी। इसपर छोटी माली उसकी बहू के साथ गाली-गलौज करने लगी। जिससे दोनों पक्षों में तनाव हो गया था। उसी दिन दोपहर दो बजे जब उसका बेटा कारू माली और लालजीत माली खेत से धान लेकर खलिहान आया तो सभी लोग एकाएक तलवार, लाठी आदि से जान मारने की नियत से हमला कर दिया। सभी मिलकर कारू को टांगी व लाठी से मारकर गंभीर रुप से जख्मी कर दिया। वहीं लालजीत के साथ भी मारपीट की गई। कारू को गंभीर रुप से चोट लगने के कारण उसे सदर अस्पताल लाया गया। फिर रिम्स रांची भेज दिया गया। जहां इलाज के दौरान 28 फरवरी 2014 को उसकी मौत हो गई थी।
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दहेज हत्या में सास-ससुर समेत चार दोषी करार
जिला जज पांच सुनील कुमार ¨सह की अदालत ने दहेज हत्या एवं दहेज प्रताड़ना के एक मामले में सुनवाई करते हुए चार लोगों को दोषी करार दिया है। दोषी पाए जाने वालों में गुजर महतो, दिलीप वर्मा, संगीता उर्फ संजीता देवी, उर्मिला देवी शामिल हैं। सभी चारों घटना के बाद से ही जेल में बंद हैं। घटना जमुआ थाना क्षेत्र के नवडीहा ओपी के झलकडीहा गांव की है।
11 मई 2015 को नवविवाहिता सोनी देवी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतका के पिता खीरो महतो ने प्राथमिकी दर्ज कर अपने दामाद, सास उर्मिला देवी, ससुर गुजर महतो एवं भैंसूर दिलीप वर्मा, गोतनी संजीता देवी के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने एवं हत्या करने का आरोप लगाया था।
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दुष्कर्म का आरोपी रिहा
शहर के चर्चित दुष्कर्म मामले की सुनवाई करते हुए जिला जज चतुर्थ अर¨वद कुमार पांडेय की अदालत ने गुरुवार को आरोपी ¨नबू ¨सह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष से पर्याप्त साक्ष्य नहीं पेश करने पर आरोपी को रिहा कर दिया। घटना शहर की है जहां एक शादीशुदा महिला ने ¨नबू ¨सह के खिलाफ नौकरी का झांसा देकर खंडोली ले जाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पीड़िता ने न्यायालय में कहा था कि ¨नबू ¨सह ने ही उसके साथ दुष्कर्म किया था। आरोपी की ओर से अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा मंटू ने गवाहों का प्रति परीक्षण कराया। साथ ही न्यायालय में बेगुनाही की कई दलीलें पेश की।