परियोजना पदाधिकारी भूमिगत, एक गिरफ्तार
गिरिडीह : सीसीएल के बनियाडीह प्रोजेक्ट के कबरीबाद खदान में अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से पांच लो
गिरिडीह : सीसीएल के बनियाडीह प्रोजेक्ट के कबरीबाद खदान में अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से पांच लोगों की मौत के मामले में परियोजना पदाधिकारी एके राय समेत कई कोयला अधिकारी भूमिगत हो गए हैं वहीं इस कांड के एक आरोपी नंद किशोर दास उर्फ कोका दास को पुलिस ने सोमवार को सेंट्रल पिट से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
विदित हो कि सहायक खनन पदाधिकारी विभूति कुमार ने इस मामले में मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए परियोजना पदाधिकारी, खनन प्रबंधक गोपाल ¨सह मीणा, सुरक्षा निरीक्षक, सेफ्टी मैनेजर के अलावा कई कर्मियों एवं गिरिडीह के बंटी साव, कोका दास एवं बिहार के जमुई जिले के चकाई थाना क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक कुल 22 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है। प्राथमिकी में बंटी साव एवं कोका दास पर ग्रामीणों से कोयला चोरी कराकर बिहार के जमुई जिले के चकाई थाना क्षेत्र के काशीजोड़ निवासी सूरज मुर्मू, बेला गांव निवासी गंगोरी राय, पंकज राय, नंदकिशोर, विष्णुदेव राय, प्रमोद राय, सुबोध राय एवं मनोज राय को बेचने का आरोप लगाया गया है।
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बाक्स : सबसे कमजोर आरोपी की सबसे पहले गिरफ्तारी
प्राथमिकी में जिन 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें से कोका दास की आर्थिक स्थिति सबसे कमजोर है। कानून के जानकार एवं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश सहाय का मानना है कि पुलिस ने इस मामले में जानबूझकर कमजोर प्राथमिकी दर्ज की है।
प्राथमिकी में दुर्घटना का धारा लगाया गया है जो जमानतीय है। इसमें गैर इरादतन हत्या का धारा लगाना चाहिए था। ऐसा नहीं करने से प्राथमिकी कमजोर हो गया है जिसका लाभ आरोपियों को अदालत में मिलेगा। जानकार सूत्रों के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज करने के तुरंत बाद बंटी साव को फोन कर अदालत में आत्मसमर्पण करने कहा। जानकार बताते हैं कि उस पुलिस अधिकारी का संदेश था कि प्राथमिकी में दम नहीं है। चंद दिनों में जमानत मिल जाएगी। बिना अनुसंधान के गिरफ्तार नहीं करने की बात करने वाली पुलिस आराम से कोका दास को गिरफ्तार कर लेती है। कुछ लोग इसे रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। उनका मानना है कि जैसे ही कोका दास को जमानत मिलेगी दूसरे प्रभावशाली लोग भी जमानत के लिए अदालत में हाजिर हो जाएंगे। वैसे इस मामले में प्रकाश सहाय का कहना है कि अदालत धारा बदल भी सकती है।