नक्सलियों ने जलाया पोकलेन व डीजल पंप सेट
बिरनी/डुमरी (गिरिडीह) : लंबे समय के बाद भाकपा माओवादियों ने क्षेत्र में एक बार फिर सक्रियता दिखाई है
बिरनी/डुमरी (गिरिडीह) : लंबे समय के बाद भाकपा माओवादियों ने क्षेत्र में एक बार फिर सक्रियता दिखाई है। झारखंड बंद को ले माओवादियों ने रविवार मध्य रात्रि गारागुरो में बराकर नदी पर पुल निर्माण कार्य में लगे मजदूरों व मुंशी को बंधक बनाकर एक पोकलेन व एक डीजल पम्प सेट को जला दिया। माओवादी करीब एक घंटे तक घटना स्थल पर रुके रहे। इस दौरान माओवादियों ने वहां मौजूद मजदूरों, रात्रि प्रहरी आदि से भाकपा माओवादी जिंदाबाद, नक्सलबाड़ी ¨जदाबाद, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद आदि नारे भी लगवाए। हालांकि माओवादियों ने उन लोगों के साथ मारपीट नहीं की। माओवादियों को देख भागने के दौरान
मुकेश बास्के व सुखराम हेम्ब्रम नामक मजदूर गिरकर जख्मी हो गए।
9 घंटे बाद पहुंची पुलिस :
घटना के करीब 9 घंटे बाद सोमवार सुबह लगभग 9 बजे पुलिस इंस्पेक्टर कपिलदेव पोद्दार, एसआई लक्ष्मेश्वर चौधरी, सुरेंद्र ¨सह, एएसआई जयकुमार ¨सह दलबल पहुंचे और जांच करने में जुट गए। इंस्पेक्टर पोद्दार ने तीनों मुंशी व मजदूरों से घटना की
जानकारी ली। मुंशी रामधर पांडेय, संजय दास व अशोक शर्मा ने बताया कि डुमरी के लुरुणगो की ओर से 50-60 माओवादी पहुंचे थे। सभी हथियार के साथ थे। कुछ खांखी वर्दी तो कुछ सफेद पोशाक पहने हुए थे। माओवादियों ने सभी से नारे लगवाए। साथ ही थाना को फोन नहीं करने और काम बंद रखने की बात कही। कहा कि सुबह सभी मजदूर ठेकेदार से मजदूरी का पैसा लेकर यहां से चले जाना। इस बीच उन लोगों ने एक पोकलेन व एक पंप सेट को जला दिया। इसके बाद यह कहते हुए सभी लुरुणगो की ओर चले गए कि ठेकेदार सभी मजदूरों की मजदूरी का भुगतान कर देना, नहीं तो बुरा अंजाम होगा।
इधर, जांच के बाद घटनास्थल पर इंस्पेक्टर पोद्दार ने बताया कि माओवादियों ने ही घटना को अंजाम दिया है। माओवादियों ने झारखंड बंद का एलान किया था। इसी को लेकर उन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। घटना स्थल पर माओवादियों ने पर्चा आदि नहीं छोड़ा है। पुलिस अनुसंधान कर रही है।
पहले भी दो बार दे चुके घटना को अंजाम :
इसके पहले 27 जून 1993 को बिरनी के पोखरिया में भाकपा माओवादियों ने धावा बोला था। उस वक्त ग्रामीणों ने माओवादियों को मुंहतोड़ जबाब दिया था। दोनों के बीच काफी देर तक मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान माओवादियों ने पोखरिया के झारखंडी ¨सहउर्फ नुनू ¨सह की हत्या कर दी थी। उसके बाद 18 मार्च 2009 को बिरनी के चिताखारो टोला मेरमपहरी में पुलिस व माओवादियों में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें डीएसपी के एक बॉडी गार्ड की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। डीएसपी को उक्त स्थल पर नक्सलियों द्वारा बैठक किए जाने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर डीएसपी बिना पुलिस जवान लिए वहां पहुंच गए। नक्सलियों ने उनके बॉडीगार्ड को मार गिराया, जबकि डीएसपी को चारों तरफ से घेर लिया था। किसी तरह उन्होंने घटना स्थल से एसपी को इसकी सूचना दी। एसपी पूरी बटालियन के साथ पहुंचे। भारी संख्या में पुलिस को आते देख नक्सली भाग निकले थे।
विधायक ने की घटना की ¨नदा :
बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने गारागुरो पुल निर्माण में पोकलेन व डीजल पंप सेट जलाने तथा सरिया के चिचाकी कर्माटांड़ के पास रेल पटरी को नक्सलियों द्वारा उड़ाने की घटना की ¨नदा की है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों द्वारा दहशत फैलाने और ऐसी घटना को अंजाम देने से कुछ नहीं होने वाला है। नक्सलियों से सरकार मुख्यधारा में लौटने की बार-बार अपील कर रही है। हथियार लेने से किसी का विकास नहीं होता है। मुख्यधारा से जुड़ने पर सरकार सहयोग भी कर रही है।