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पारसनाथ की वंदना से मिलती जन्म मरण से मुक्ति

मधुबन (गिरिडीह) : सैकड़ों किलोमीटर की लंबी पदयात्रा कर शिखरजी मधुबन पारसनाथ की वंदना का मन में भाव लि

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 11:13 PM (IST)
पारसनाथ की वंदना से मिलती जन्म मरण से मुक्ति
पारसनाथ की वंदना से मिलती जन्म मरण से मुक्ति

मधुबन (गिरिडीह) : सैकड़ों किलोमीटर की लंबी पदयात्रा कर शिखरजी मधुबन पारसनाथ की वंदना का मन में भाव लिए मुनि अवस्था में पहली बार मधुबन आये मुनि प्रतीक सागर जी महाराज का सम्मेद शिखरजी के बारे में कुछ अलग ही अनुभव है । सम्मेद शिखर की यात्रा के बाद उन्होंने अपने प्रवचन में पर्वत की महत्ता को बताते हुए कहा कि यह जैनियों का सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल है जहां का कण कण पूजनीय है। यहां 20 तीर्थंकरों सहित हजारों मुनि तपस्या कर अपने शरीर को त्याग चुके हैं। ऐसी पावन भूमि की वंदना करने से जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि 30 मई को मधुबन स्थित तेरहपंथी कोठी के प्रवचन हॉल में कई बड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। मंगलवार को श्रुत पंचमी है और उस दिन 2 वर्ष से 8 वर्ष तक के बच्चों का अमृत संस्कार कर देवी सरस्वती की अराधना की जाएगी। इसमें मां जीनवाणी का पूजन अभिषेक किया जाएगा और एक बजे दिन उनका जुलूस निकाला जाएगा।


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