बैकों के रवैये पर नप अध्यक्ष बिफरे
गिरिडीह : राष्ट्रीय शहरी रोजगार योजना (एनयूएलएम) गिरिडीह नगर परिषद की नहीं भारत सरकार की योजना है। इ
गिरिडीह : राष्ट्रीय शहरी रोजगार योजना (एनयूएलएम) गिरिडीह नगर परिषद की नहीं भारत सरकार की योजना है। इस योजना में बैंकर्स का सहयोग नहीं मिल रहा है। यह कितनी दु:खद बात है कि सभी बैंक व्यवसाय गिरिडीह में कर रहे हैं, और यहीं के लोगों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। यदि यही स्थिति रही तो शहर का सारा कचरा बैंकों के सामने फेंकवा दिया जाएगा। ये बातें नगर परिषद के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद यादव ने सोमवार को सभाकक्ष में बैंक अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कही। अध्यक्ष एनयूएलएम के तहत आदेवकों को उपलब्ध कराए गए ऋण की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शहर में 24 बैंकों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन बैठक में महज आठ बैंक के प्रतिनिधि ही शामिल हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि अन्य बैंकों का प्रबंधन नप को भी नजरअंदाज कर रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न बैंकों में उक्त योजना के तहत स्थानीय बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने के बाद स्वरोजगार को लेकर 298 युवक व युवतियों ने बैंक से ऋण उपलब्ध कराने के लिए आवेदन दिया था। जिसमें 39 आवेदन को ऋण देने के लिए प्रबंधन की तरफ से स्वीकृत किया गया, लेकिन मिला 26 लाभुकों को ऋण। इससे स्पष्ट है कि बैंक इस योजना को पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं। इस कारण ही यहां के बेरोजगारों को रोजगार के लिए अन्यत्र जाना पड़ रहा है। यही स्थिति रही तो केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिलकर बैंकों के रवैये से अवगत कराने के साथ ही कार्रवाई की अपील करेंगे। मौके पर एनयूएलएम के राकेश कुमार, बैंक आफ इंडिया के अमित रंजन, यूनियन बैंक के अर¨वद प्रकाश, सेंडिकेट बैंक के राहुल भदानी, इलाहाबाद बैंक के एसपी ¨सह, कॉरपोरेशन बैंक के संजीव कुमार पॉल, विजय बैंक के अमरेंद्र कुमार, ओरियंटल बैंक के ब्रजेश एच एवं पीएनबी के समन्वयक उपस्थित थे।