दहेज हत्या में पति दोषी करार, आज होगी सजा
गिरिडीह : डुमरी थाना क्षेत्र के खुदीसार गांव में हुई विवाहिता नागेश्वरी देवी की दहेज हत्या के मामले
गिरिडीह : डुमरी थाना क्षेत्र के खुदीसार गांव में हुई विवाहिता नागेश्वरी देवी की दहेज हत्या के मामले में जिला जज कमल कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को पति जीतन महतो को दोषी पाया। दोषी पाए गए जीतन को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया। जीतन महतो अभी न्यायालय से जमानत पर था। जीतन की सजा की ¨बदु पर सुनवाई बुधवार को होगी। अभियोजन के और से अवर लोक अभियोजक भरत नाथ ¨सह ने नौ गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की।
-क्या है मामला
घटना 18 अक्टूबर 2000 की है। इस कांड के सूचक तोतो महतो ने डुमरी थाना में कांड संख्या 63/2000 दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी पुत्री नागेश्वरी देवी की शादी पांच वर्ष पूर्व जीतन महतो के साथ हुई थी। शादी के बाद 25 हजार रुपये दहेज को लेकर उसकी सास व अन्य प्रताड़ित करते थे। घटना के दिन शंकर महतो उसके घर रत्नाडीह (बगोदर) आकर सूचना दी कि उसक पुत्री कुआं में डूब कर मर गई। सूचना पर अन्य लोगों के साथ पहुंचे तो देखा कुआं के बगल में खाट पर उसकी पुत्री का शव पड़ा है। उसकी हत्या उसकी सास पुरनी देवी, पति जीतन महतो आदि ने दहेज के कारण कर दी है।
-सास को हो चुकी है सजा
इस कांड के नामजद अभियुक्त सास पुरनी देवी को फास्ट ट्रैक पांच असरफ हुसैन अंसारी की अदालत ने 21 नवंबर 2003 को दहेज हत्या में दोषी पाकर सात साल की कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं ननद उर्मिला कुमारी को जुबेनाइल बोर्ड ने 13 फरवरी 2007 को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया था।
फरार था जीतन: इस कांड में जहां सास पुरनी देवी को घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था, वहीं नामजद आरोपी पति जीतन महतो कई सालों तक फरार था। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दी थी। करीब ढाई साल जेल में रहने के बाद उसकी जमानत हुई थी। करीब 17 साल पूर्व इस मामले में न्यायालय ने पति को दोषी पाया। न्यायालय में चली लंबी कानूनी प्रक्रिया में कई गवाहों ने दहेज प्रताड़ना की बात बतायी। घटना का समर्थन भी किया।