डीएवी में बढ़ी दोगुनी फीस, अभिभावकों में उबाल
गिरिडीह : सीसीएल डीएवी में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को प्रबंधन ने तगड़ा झटका दिया है। फीस में द
गिरिडीह : सीसीएल डीएवी में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को प्रबंधन ने तगड़ा झटका दिया है। फीस में दोगुनी वृद्धि कर सीसीएल प्रबंधन ने अभिभावकों के जेब ढीली करने का पूरा मन बना लिया है। अभिभावकों को एलकेजी से क्लास टू तक 250 सौ की जगह अब चार सौ रुपये प्रति माह फीस देनी होगी। इसी तरह अन्य कक्षाओं के लिए भी डेढ़ से दो गुनी फीस वृद्धि की गई है। स्कूल ने सालाना फीस भी बढ़ा दिया है। इससे अभिभावकों में उबाल है। इस स्कूल में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के काफी बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे लोग बढ़ी फीस देने में सक्षम नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छूट सकती है और उनका भविष्य दाव पर लग सकता है।
अभिभावकों की नहीं कोई समिति
शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत सभी निजी स्कूलों में अभिभावकों की समिति होना अनिवार्य है। समिति की नियमित बैठक कर अभिभावकों की सहमति से ही फीस वृद्धि तथा अन्य कोई बदलाव किया जाना है, लेकिन डीएवी में ऐसी कोई समिति नहीं है। अगर कागज ऐसी कोई समिति होगी भी इसकी जानकारी लोगों को नहीं है।
अभिभावक रमेश कुमार ने कहा कि प्रबंधन को अभिभावकों के साथ बैठक कर सहमति से फीस वृद्धि से संबंधित कोई निर्णय लेना चाहिए था। मगर मनमानी फीस वृद्धि कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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मुकेश पासवान ने कहा कि अचानक दोगुनी फीस वृद्धि करना अभिभावकों के साथ अन्याय है। सरकार निजी स्कूलों में बेतहाशा फीस वृद्धि को रोकने की बात करती है, वहीं यहां सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाई गई है। प्रशासन को इसमें हस्तक्षेप करते हुए अभिभावकों को न्याय दिलाना चाहिए।
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बसपा नेता शिव कुमार दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि निजी स्कूलों में मनमानी ढंग से फीस नहीं बढ़ाना है। ऐसे में इस स्कूल में किस नियम के तहत फीस में वृद्धि की गई। यह न्यायालय के आदेश का घोर उल्लंघन है।
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भाजपा नेता उमेश दास ने कहा कि सरकार के आदेश का पालन होना चाहिए। अभिभावकों की सहमति से फीस वृद्धि संबंधी निर्णय लिया जाना चाहिए था। अचानक इतना अधिक फीस बढ़ा देना उचित नहीं है।
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अभिभावक अनिल खंडेलवाल का कहना है कि स्कूल में मनमानी फीस तो बढ़ा दी गई, लेकिन बच्चों को उसके अनुरूप सुविधा नहीं मिलती है और न ही पढ़ाई की गुणवत्ता सही है। एक क्लास में 70-75 बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता है।
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विकास भदानी का कहना है कि फीस वृद्धि का सभी अभिभावकों को मिलकर पूरजोर विरोध करना चाहिए। अगर अभिभावक अभी चुप रहेंगे तो आने वाले समय में सीसीएल और विद्यालय प्रबंधन और मनमानी करेंगे। यह फीस वृद्धि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।
मदन मोहन ¨सह, अर¨वद कुमार, सुबोध कुमार, मुकेश प्रसाद आदि ने भी फीस वृद्धि का विरोध किया है। कहा कि प्रबंधन अगर इस फीस वृद्धि को वापस नहीं लेता है, तो अभिभावक धरना-प्रदर्शन भी करेंगे।
क्या कहते हैं स्टूडेंट
छात्रा राजेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, छात्रा जासमिन सहित अन्य छात्रों ने कहा कि स्कूल में मासिक शुल्क के अलावा बिजली, कंप्यूटर, विकास आदि के नाम पर भी फीस वसूला जाता है, लेकिन उसके अनुसार सुविधा नहीं दी जाती है। गर्मी में बिजली गुल होने पर पंखा भी नहीं चलाया जाता है। इतना ही नहीं एलकेजी और यूकेजी कक्षाओं के बच्चों से कंप्यूटर के लिए फीस ली जा रही है, जबकि उन्हें कंप्यूटर से संबंधित कुछ नहीं पढ़ाया जाता है।
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क्या कहते हैं डीइओ :
जिला शिक्षा अधीक्षक कमला ¨सह ने बताया कि उन्हें इस फीस वृद्धि की जानकारी नहीं है। एक बार में 15 प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ाया जा सकता है।
क्या कहते हैं प्राचार्य
स्कूल के प्राचार्य भैया अभिनव कुमार ने कहा कि यह फीस वृद्धि सीसीएल प्रबंधन ने की है। इसमें स्कूल की कोई भूमिका नहीं है। 16 साल बाद यहां फीस बढ़ी है। अभी भी अन्य निजी स्कूलों से सीसीएल डीएवी में कम फीस है। शुल्क के अनुरूप बच्चों को यहां सभी तरह की सुविधाएं दी जाती हैं।