गिरिडीह डीईओ कार्यालय में 46 लाख की वित्तीय अनियमितता उजागर
गिरिडीह : जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय गिरिडीह में लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई ह
गिरिडीह : जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय गिरिडीह में लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। मंगलवार को टीडीएस सर्वे के दौरान यह खुलासा हुआ। टीडीएस सर्वे के लिए आयकर विभाग धनबाद से पहुंची पांच सदस्यीय टीम ने कार्यालय में घंटों दस्तावेज की गहन जांच-पड़ताल की। खासकर आवंटन और भुगतान से संबंधित फाइलों का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान देखा गया कि कार्यालय से भुगतान के एवज में विधिवत टीडीएस काटकर उस राशि को समय पर जमा किया गया है या नहीं, विधिवत रिटर्न फाइल हुआ या नहीं। इसी क्रम में करीब 46 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता उजागर हुई।
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2014-15 में विद्यालय भवन का निर्माण कार्यालय से ठेकेदारों को कुल 23 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जिस पर 2 फीसद की दर से 46 लाख रुपया टीडीएस काटना था, लेकिन नहीं काटा गया। वर्ष 2015-16 में उक्त राशि पर टीडीएस काटकर इसी वित्तीय वर्ष में जमा किया गया। बताया कि यह एक बड़ी वित्तीय गड़बड़ी है। बताते हैं कि इस गड़बड़ी के लिए 1 फीसद प्रतिमाह की दर से पेनाल्टी और रिटर्न फाइल नहीं करने पर प्रतिदिन 200 रुपया की दर से संबंधित पदाधिकारी को जुर्माना लग सकता है। साथ ही उन्हें जेल भी हो सकती है। टीम में सहायक आयुक्त आयकर टीडीएस एनआर पांडेय, आइटीओ टीडीएस आरके गर्ग के अलावा निरीक्षक निलेश कुमार, यूएस चंद्रा व सत्तार इमाम शामिल थे।
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कोट-
- विद्यालय भवन के निर्माण का टेंडर विभागीय स्तर से होने के बाद कार्यालय को आवंटन उपलब्ध कराया गया था, जिसमें टीडीएस कटौती आदि के बारे में कोई निर्देश नहीं था। इंजीनियर से पूछकर एमबी के आधार पर ठेकेदारों को भुगतान किया गया था। मार्च 2015 के बाद विभागीय स्तर से मौखिक जानकारी मिलने पर टीडीएस काटकर राशि जमा कर दी गयी। इसमें मेरे कार्यालय के स्तर से किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है। आगे आयकर विभाग के दिशानिर्देश के अनुसार काम होगा।
निर्मला कुमारी बरेलिया, डीईओ, गिरिडीह।