सीएनटी संशोधन के विरोध में माओवादी
गिरिडीह : नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) ने सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश का कड़ा विरोध क
गिरिडीह : नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) ने सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश का कड़ा विरोध करते हुए इसके खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाकर संघर्ष करने का आह्वान आम जनता से किया है। संगठन के झारखंड रीजनल कमेटी के प्रवक्ता की हैसियत से वीरेंद्र ने विज्ञप्ति जारी कर यह आह्वान किया है।
बयान में कहा है कि रघुवर सरकार आने के साथ ही आदिवासियों एवं मूलवासियों के हित के खिलाफ जनविरोधी कार्य कर रही है। पहले जो स्थानीयता की नीति तय की उससे नौकरियों और संसाधनों पर बाहरी लोगों का कब्जा बरकरार रहा और आदिवासियों व मूलवासियों को हाशिये पर खड़ा कर दिया। अब सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन का अध्यादेश लाकर आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन के अधिकार से वंचित करने की साजिश की जा रही है। रघुवर सरकार ने 108 एमओयू किए हैं। ये कंपनियां यदि कल-कारखानें खोलती है तो झारखंड से दस लाख लोग विस्थापित होंगे। जन आंदोलन के कारण पूंजीपति कल-कारखाना खोल नहीं पा रहे हैं। पूंजीपतियों की हितैषी रघुवर सरकार इन पूंजीपतियों को आदिवासियों व मूलवासियों की जमीन देने के लिए संशोधन अध्यादेश ला रही है। संशोधन अध्यादेश कानून बन जाने पर सरकार को आसानी से आदिवासियों और मूलवासियों की जमीन अधिग्रहण करने का अधिकार मिल जाएगा। इससे आदिवासियों व मूलवासियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। आदिवासियों की जमीन छीनने की रघुवर सरकार की इस साजिश के खिलाफ जनप्रतिरोध आंदोलन करने का आह्वान किया है।