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डीवीसी में गड़बड़ी, शहर में ब्लैक आउट

गिरिडीह : एक तरह जहां शहर को सुंदर बनाने की परिकल्पना की जा रही है, वहीं विद्युत विभाग एवं डीवीसी अ

By Edited By: Published: Mon, 29 Aug 2016 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 01:01 AM (IST)
डीवीसी में गड़बड़ी, शहर में ब्लैक आउट

गिरिडीह : एक तरह जहां शहर को सुंदर बनाने की परिकल्पना की जा रही है, वहीं विद्युत विभाग एवं डीवीसी अधिकारियों की लापरवाही से शनिवार की पूरी रात शहर में ब्लैक आउट रहा। यहीं स्थिति रविवार की देर रात तक बनी रही। इसके कारण न केवल लोगों को पानी के लिए त्राहिमाम करना पड़ा बल्कि गर्मी से करीब पौने दो लाख लोग परेशान रहे। यह केवल एक रात व दिन की बात नहीं है। इस स्थिति का सामना पिछले एक महीने से लोगों को करना पड़ रहा है। इसके लिए झारखंड विद्युत बोर्ड के अधिकारी डीवीसी अधिकारियों को जिम्मेवार बताते हैं, जबकि डीवीसी अधिकारी इसके लिए तकनीक गड़बड़ी की दुहाई देते हैं।

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उपभोक्ताओं के आक्रोश का एमडी ने किया सामना :

गत 19 अगस्त को बिजली उपभोक्ता मीट का आयोजन स्थानीय एक होटल में किया गया था। जिसमें विभाग के प्रबंधक निदेशक राहुल पुरवार समेत कई वरीय अधिकारियों ने शिरकत की थी। यहां एमडी को उपभोक्ताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। कई बाद उन्हें लोगों से आग्रहपूर्वक कहना पड़ा था कि वे लोगों की समस्याएं सुनने आए हैं। आक्रोश से इसका समाधान नहीं होगा, बातचीत से ही समाधान संभव है। इतना ही नहीं कई बार स्थानीय अधिकारियों को डांट भी खानी पड़ी थी। इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं भी की थी, साथ ही भरोसा दिया था कि अब शहर समेत जिले के लोगों बिजली का संकट नहीं झेलना पड़ेगा, लेकिन स्थिति ठीक इसे विपरीत है। उनके जाने के बाद 22 अगस्त से ही शहर को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को लगातार 72 घंटे तक शहर को बिजली नहीं मिली थी। इसके बाद गुरुवार की शाम जो बिजली गई वह शुक्रवार को सुबह आई। फिर शुक्रवार की शाम से शनिवार को दिनभर लोग बिजली की आस देखते रहे। फिर शनिवार की रात से बिजली रानी गई वह रविवार को शाम तक दर्शन नहीं दी। ऐसे में लोग कैसे भरोसा करें कि बिजली विभाग में सुधार हो पाएगा।

क्या है शहर को विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था :

शहर के लोगों को बिजली की आपूर्ति विद्युत उत्पादक डीवीसी के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए डीवीसी के कार्यपालक अभियंता समेत कई कर्मी यहां कार्यरत हैं। साथ ही डीवीसी की तरफ से तीन ट्रांसफार्मर लगाकर झारखंड सरकार के तीनों फीडर को बिजली सप्लाई की जाती है। झारखंड बिजली बोर्ड की तरफ से लगाए गए तीन फीडरों म ं से एक फीडर के उपभोक्ताओं को तो कमोवेश ठीक-ठाक बिजली मिल जाती है क्योंकि इसके परिधि में जिले के आला अधिकारियों समेत बिजली विभाग के अधिकारियों का आवास है। ज्यादा परेशानी फीडर दो एवं तीन की परिधि वाले उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। क्योंकि इसके परिधि में सामान्य लोगों का आवास है।

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बाक्स :

नकारा अधिकारियों पर हो कार्रवाई : निर्मल

चैंबर ऑफ कामर्स गिरिडीह के सचिव निर्मल झुनझुनवाला ने कहा कि लोग जितना बिजली आपूर्ति की व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, उतना ही व्यवस्था बदतर होती जा रही है। बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए पदाधिकारियों पर दायित्व देना होगा। साथ ही नकारा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए। जबतक ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, व्यवस्था में सुधार नहीं होगा।

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वर्जन

भोरनडीहा में लगे डीवीसी की 80-80 मेगावाट के पावर ट्रांसफार्मर शनिवार की रात बाठ बजे खराब हो जाने के कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित है। पहले जहां डीवीसी से 55 मेगावाट बिजली मिलती थी, अब वहीं 15 मेगावाट मिल रही है। ऐसे में समुचित बिजली की आपूर्ति कैसे संभव है। इसके पूर्व भी 72 घंटा डीवीसी से बिजली की आपूर्ति नहीं हुई थी।

पीएन झा, कार्यपालक पदाधिकारी, बिजली

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डीवीसी की जिले में तीन ट्रांसफार्मर है। तीनों चालू रहने से शहर को समुचित बिजली की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले दिनों एक ट्रांसफार्मर खराब हो गया है। उसके नहीं बनने के कारण दो ट्रांसफार्मर पर लोड ज्यादा हो गया। इसके कारण फ्लैश होकर शेष दोनों ट्रांसफार्मर भी शनिवार की रात खराब हो गया है। यहीं वजह है कि पूरे शहर में बिजली गुल रही।

मिथलेश चंद्र बसात, कार्यपालक अभियंता, डीवीसी


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