सीमा विवाद से नशे के सौदागरों की चांदी
उधवा (साहिबगंज) : झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमा क्षेत्र के गंगा नदी के मध्य में स्थित गंगबरार जमीन
उधवा (साहिबगंज) : झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमा क्षेत्र के गंगा नदी के मध्य में स्थित गंगबरार जमीन की सैकड़ों बीघा खेत में लगी अफीम की फसल को नष्ट करने की कार्रवाई से दोनों राज्य की पुलिस कतरा रही है। इस क्षेत्र के आधा दर्जन चुवार पर करीब चार सौ बीघा से अधिक जमीन पर लगी फसल तैयार होने के कगार पर है। साहिबगंज एसपी सुनील भास्कर की ओर से अफीम की खेती की जानकारी संबंधित थाना से लिए जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राधानगर एवं बरहड़वा थाना क्षेत्र एवं पश्चिम बंगाल के कलियाचक एवं फरक्का थाना क्षेत्र की गंगबरार जमीन पर बड़े पैमाने पर अफीम की फसल लगी है। एसपी सुनील भाष्कर ने अफीम की खेती की सूचना आला अधिकारियों समेत मालदा जिला प्रशासन को दे दी है। आला अधिकारी से कार्रवाई के लिए हरी झंडी व मालदा पुलिस की ओर से जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। बीते 30 जनवरी को क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती किए जाने का मामला उजागर होने के बाद राधानगर थाना प्रभारी राजेंद्र कुमार दास ने क्षेत्र में जाकर इसका जायजा लेने के बाद इसकी पुष्टि की थी। कार्रवाई करने से अधिक इस बात पर जोर दिया गया कि यह क्षेत्र उसके थाना क्षेत्र का नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल का है। साबित करने के लिए अंचल निरीक्षक राजेंद्र राय को ले जाकर प्रमाणित करने का प्रयास किया गया कि भूभाग पश्चिम बंगाल का है। लिहाजा मालदा जिला पुलिस को सूचना देकर साहिबगंज जिला पुलिस अपने कर्तव्य की सीमा तय कर ली। इधर मालदा पुलिस कप्तान से बार-बार दूरभाष पर संपर्क किए जाने के बावजूद संपर्क नहीं हो पाया है। इस संबंध में अपराध अनुसंधान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दे दी गई है एवं दोनों राज्यों के द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर फसल को नष्ट करने की तैयारी की जा रही है।
बताते चलें कि वर्तमान में जिस क्षेत्र में अफीम की खेती की जा रही है वहां के अधिकांश किसानों की दोहरी नागरिकता है। यहां के लोग न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि झारखंड के जनवितरण, आंगनबाड़ी केंद्र एवं राज्य सरकार की स्वास्थ्य सुविधा का लाभ भी ले रहे हैं।
केस स्टडी -1
एनडीपीएस एक्ट के तहत वर्ष 2007 में दर्ज कई मामले में खासमहाल, गोलढाव, दोगाछी दियारा एवं घासीटोला में अफीम की खेती किए जाने को लेकर मामला दर्ज किया गया था। मार्च 2013 में पुलिस निरीक्षक पीएन तिवारी एवं तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारिका राम के नेतृत्व में पूर्वी प्राणपुर के आठ नंबर दियारा के हामेदपुर एवं इस्माइलटोला के कई प्लॉटों में अफीम का फसल नष्ट किया गया था एवं इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत पांच मार्च को कांड संख्या 18/2013 दर्ज किया गया था।
केस स्टडी-2
राधानगर थाना क्षेत्र के राधानगर, श्रीधर, पूर्वी प्राणपुर, पश्चिमी प्राणपुर, दक्षिण पलाशगाछी एवं उत्तर पलाशगाछी पंचायत के पूर्वी सीमा पर गंगा नदी है। जहां गंगा कटाव से बराबर भौगोलिक दशा में बदलाव होता रहा है। गंगा कटाव से सबसे अधिक विस्थापन पूर्वी तथा पश्चिमी प्राणपुर एवं दक्षिण पलाशगाछी का हुआ है। लेकिन इन पंचायतों की जनगणना के आंकड़े एवं मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जबकि दर्जनों राजस्व गांव गंगा में समा चुकी है। ऐसे में गंगा के गर्भ से निकले नए भूभाग पर निवास व दखल भी झारखंड के लोगों का है। इस परिस्थिति में भूभाग पर सीमा विवाद का बहाना अफीम तस्करों को दोहरा लाभ दिला रही है।