स्वास्थ्य केंद्रों पर लटक रहा ताला
झारखंडधाम (गिरिडीह) : सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर गांव-गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला है, ताकि ग्
झारखंडधाम (गिरिडीह) : सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर गांव-गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला है, ताकि ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिले, लेकिन ये केंद्र हाथी के दांत साबित हो रहे हैं। क्षेत्र में बहुतों ऐसे केंद्र हैं जहां न तो डाक्टर की उपस्थिति होती है और न ही नर्स की। दवा की भी व्यवस्था नहीं रहती, जिस कारण ग्रामीणों को इलाज के लिए प्रखंड तथा जिला मुख्यालय का सहारा लेना पड़ता है। गरीब तबके के लोग पैसे के अभाव में बाहर जाकर इलाज कराने में समर्थ नहीं होते हैं। इस कारण इलाज के अभाव में लोगों की मौत भी हो जाती है। गर्भवती महिलाओं को भी प्रसव में काफी परेशानी होती है। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें जिला या प्रखंड मुख्यालय आनन-फानन में ले जाना पड़ता है। कभी-कभी तो रास्ते में गाड़ी पर ही महिला का प्रसव हो जाता है, जो जच्चा-बच्चा दोनों के लिए घातक होता है। ग्रामीण पिंटू राय ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र से अब कोई फायदा नहीं है। अधिकांश जगहों के केंद्र हमेशा बंद रहता हैं। राजकुमार दास ने कहा कि कुछ केंद्र पर न ही नर्स की व्यवस्था है और न ही डाक्टर की। बनारस राय ने कहा कि इन केंद्रों में प्रसव कराने की भी व्यवस्था नहीं है।