Move to Jagran APP

सीबीआइ टीम ने की कोल माइंस की जांच

गिरिडीह : दिल्ली, रांची एवं धनबाद की सीबीआइ टीम ने गुरुवार को जिले के कस्ट्रॉन माइ¨नग (बंगाल कोल कंप

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 08:18 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 08:18 PM (IST)
सीबीआइ टीम ने की कोल माइंस की जांच

गिरिडीह : दिल्ली, रांची एवं धनबाद की सीबीआइ टीम ने गुरुवार को जिले के कस्ट्रॉन माइ¨नग (बंगाल कोल कंपनी) की कोयला खदान की जांच की। गत वर्ष ही सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के खनन करार को रद किया था। इसके बावजूद खनन कर सरकारी राजस्व का चूना लगाने का आरोप कंपनी पर था।

loksabha election banner

सीबीआइ अधिकारियों ने सदर प्रखंड की 16 नंबर चुंजका पंचायत के ब्रह्माडीहा ओपनकास्ट का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान टीम के साथ जिला खनन पदाधिकारी यूएन ¨सह भी थे। देर शाम तक सीबीआइ टीम कोयला खदान का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की पड़ताल करती रही।

बताया गया कि कोल ब्लॉक आवंटन में मानकों की अनदेखी कर कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम किया गया था। इस मामले में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की ओर से ही पूरे मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। कोलगेट के नाम से चर्चित इस प्रकरण में झारखंड राज्य में कई निजी कंपनियों पर अभी सीबीआइ का फंदा कस रहा है।

इसके पूर्व भी कास्ट्रॉन माइ¨नग (बंगाल कोल कंपनी) के प्रतिनिधियों से सीबीआइ अधिकारी लंबी पूछताछ कर चुके हैं। इस बाबत देर शाम तक सीबीआइ की ओर से आधिकारिक रूप से कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई।

वर्ष 2004-5 के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशभर में जिन 212 कोल ब्लॉक को रद किया गया था, उसमें कस्ट्रॉन माइ¨नग (बंगाल कोल कंपनी) भी शामिल थी। सीबीआइ टीम ने इस मामले में गुरुवार को कंपनी की बंद पडी खदान में कोल स्टाक की जांच की प्रक्रिया शुरू की। इसमें सीसीएल रांची, दरभंगा हाउस के पांच सर्वेयर सहायक प्रबंधक एमके सिन्हा की अगुआई में सीबीआइ टीम के साथ कोल स्टाक की जांच में जुटे हैं। जांच की प्रक्रिया शुक्रवार को भी चलेगी। टीम में सीबीआइ के दस अधिकारी शामिल हैं।

अनुसंधानकर्ता ने तत्काल जांच प्रक्रिया में किसी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया। नाम नहीं छापने की शर्त पर उन्होंने कहा कि दर्ज केस के दस्तावेज में कोल स्टॉक का भौतिक सत्यापन रूटीन प्रक्रिया है। इस मामले में गत विधानसभा चुनाव के दौरान ही कंपनी के दस्तावेजों को खंगालने का काम पूरा कर लिया गया था। ब्रह्माडीहा कोल ब्लॉक बीते 2005 से बंद पड़ा है। कोयले की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस प्रशासन को सौंपी गई है। जांच में सीसीएल की ओर से सीबीआइ को पूर्ण सहयोग किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.