लाइफ लाइन बन रही कोडरमा-कोवाड़ ट्रेन
गिरिडीह : कोडरमा-कोवाड़ पैसेंजर ट्रेन अब गिरिडीह जिले के आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों के लिए लाइफ लाइन
गिरिडीह : कोडरमा-कोवाड़ पैसेंजर ट्रेन अब गिरिडीह जिले के आधा दर्जन से अधिक प्रखंडों के लिए लाइफ लाइन बन रही है। आठ अगस्त से ट्रेन सेवा यहां शुरू हुई है। तब से लगातार यात्रियों की संख्या में इजाफा इस बात का संकेत है कि आनेवाले दिनों में यह रेल मार्ग जिले की लाइफ लाइन बनने की दिशा में अग्रसर है।
बीते दो दशक से यहां कोडरमा-गिरिडीह रेल परियोजना का सपना लोग देख रहे थे। अब तक परियोजना का काम तीन चौथाई ही पूर्ण हुआ है लेकिन अभी से ही इस रेल रूट से ग्रामीणों में उत्साह है। इससे राजधनवार, बिरनी, जमुआ, देवरी, तिसरी, गावां और गिरिडीह प्रखंड के यात्रियों को रेल सेवा का लाभ मिलने लगा है। जिला मुख्यालय से 15 किमी की दूर सेनादोनी गांव में कोवाड़ स्टेशन से प्रतिदिन रेल आगमन और प्रस्थान के समय छोटे वाहनों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। ग्रैंड कॉर्ड लाइन से जुड़ी होने के कारण कोडरमा-कोवाड़ पैसेंजर ट्रेन में बाहरी प्रदेशों से रोजगार कर लौटनेवाले और रोजगार के लिए जाने वाले रेल यात्रियों का सफर तेज हुआ है। रेल महकमा इस नयी रेल सेवा से खासा उत्साहित है। रेलवे को भी अच्छे राजस्व की आशा है। कोडरमा स्टेशन से सुबह छह बजे खुलने और पूरे दिन दो बार अप-डाउन सेवा देने के बाद देर शाम रेल का पहिया थमता है। एक दिन में औसतन पांच हजार टिकट भी बिक रहा है। इसमें छोटे-छोटे हॉल्ट के पैसेंजर भी शामिल होते हैं। सड़क मार्ग से कम किराया होने और समय पर रेल परिचालन से यात्रियों का विश्वास भी बढ़ रहा है।
वर्जन
आनेवाले दिनों में कोडरमा से गिरिडीह तक सुरक्षित रेलयात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेल महकमा तेजी से लंबित परियोजना को पूर्ण करने पर विचार कर रहा है। इसमें सदर प्रखंड के 18 गांव में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। अगले वित्तीय वर्ष तक गादी गांव में जंक्शन निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही यह रेल सेवा मेनलाइन और ग्रैंड कॉर्ड से जुड़ जाएगी।
- बी मुर्मू, पीआरओ, रेल।