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यात्रियों की सुरक्षा से बिजली बोर्ड बेखबर

गिरिडीह : शहर के मेन रोड सहित मुख्य बाजार में वर्षो पूर्व स्थापित बिजली के पोल अब यात्री सुरक्षा के

By Edited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 09:40 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 09:40 PM (IST)
यात्रियों की सुरक्षा से बिजली बोर्ड बेखबर

गिरिडीह : शहर के मेन रोड सहित मुख्य बाजार में वर्षो पूर्व स्थापित बिजली के पोल अब यात्री सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। राज्य बिजली बोर्ड की ओर से इसे सड़क से दूर करने के लिए बनी डीपीआर विभागीय संचिका में कैद है। वर्ष 2009-10 के दौरान यहां विद्युत अंचल कार्यालय की ओर से शहरी क्षेत्र में लगभग 16 किमी तक बिजली पोल को सड़क से दूर हटाकर स्थापित करने की कार्य योजना बनायी गयी थी। पांच वर्ष बीतने के बाद भी बिजली बोर्ड इस योजना को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है।

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शहर के बड़ा चौक-टुण्डी रोड से लेकर बरवाडीह एवं मंडलकारा तक मुख्य सड़क से सटे बिजली के पोल यात्री और मालवाहक वाहनों के लिए दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। यही स्थिति बस स्टैंड से लेकर बक्सीडीह रोड और भंडारीडीह तक की है। इसके अलावा स्टेशन से पचम्बा तक मेन रोड में स्थापित बिजली के पोल भी अब यात्री सुरक्षा के लिए खतरनाक बन गए हैं।

काली बाड़ी, मकतपुर, मौलाना आजाद चौक, मुस्लिम बाजार, कचहरी रोड, बरगंडा, पावर हाउस सहित अन्य स्थानों की व्यस्त सड़कें भी बिजली पोल के कारण यात्रियों के लिए मुसीबत खड़ी कर रही हैं। सड़क पर ओवरटेक के दौरान आयेदिन दोपहिया वाहन पोल से टकराते हैं। कई बार तो बड़ी गाड़ियां भी पोल की चपेट में आई।

इस वर्ष ही मई माह में मोहनपुर के पास ट्रक को ओवरटेक कर आगे बढ़ने पर एक बोलरो वाहन पोल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें चालक बुरीतरह घायल हो गया था। वाहन चालक चकाई का रहनेवाला था। ऐसी घटना यहां आयेदिन घटती है। बावजूद इसके राज्य बिजली बोर्ड पोल के मामले में उदासीनता बरत रहा है।

अभी हाल ही में जमुआ के मिर्जागंज में निर्माणाधीन सड़क को लेकर पथ निर्माण विभाग ने बिजली बोर्ड को सड़क से पोल हटाने के लिए पत्र दिया लेकिन विभाग ने कोई पहल नहीं की। निर्माण कार्य के संवेदक ने सड़क पर पोल के साथ ही पीसीसी कार्य को पूरा कर दिया। इस पर स्थानीय लोगों ने कड़ा प्रतिवाद भी किया। दुर्घटनाओं को मौन आमंत्रण देते इन बिजली पोलों को व्यवस्थित करने की दिशा में विभागीय प्रयास हैरान करनेवाला है।

''सड़क से सटे बिजली पोल को हटाने के लिए पूर्व में राज्य मुख्यालय को डीपीआर भेजी गई है। साथ ही बोर्ड को वस्तुस्थिति की जानकारी भी समय-समय पर दी जाती है। इस दिशा में बोर्ड के आदेश का इंतजार है।

- यूके सिंह, अधीक्षण अभियंता


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