मंदिरों का स्थल बना वनांचल चौक
डुमरी (गिरिडीह) : प्रखंड अंतर्गत जामतारा पंचायत का वनाचल चौक मंदिरों का स्थल बन गया है। चौक और इसकी
डुमरी (गिरिडीह) : प्रखंड अंतर्गत जामतारा पंचायत का वनाचल चौक मंदिरों का स्थल बन गया है। चौक और इसकी करीब एक किमी की परिधि में कई देवी-देवताओं के मंदिर अवस्थित हैं। इससे श्रद्धालु जहां आसपास में ही सभी देवी-देवताओं का दर्शन और पूजा-अर्चना कर लेते हैं, वहीं क्षेत्र का माहौल भी भक्तिमय बना रहता है।
बता दें कि वनांचल चौके के समीप रेफरल अस्पताल परिसर में शनि, सूर्य, दुर्गा एवं शिव-पार्वती मंदिर अवस्थित हैं, जबकि यहां से कुछ ही दूरी पर पूरब दिशा की ओर भगतवान महावीर और विश्वकर्मा मंदिर है। पश्चिम की ओर कुछ दूरी पर स्थित काली एवं संतोषी माता मंदिर सहित विभिन्न बने मंदिरों से चारों तरफ का वातावरण भक्तिमय बना रहता है।
डुमरी स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के समीप बनी मस्जिद यहां के हिन्दू-मुस्लिम भाइयों के बीच की एकता को प्रदर्शित करती है। प्रत्येक साल आसपास के शिव मंदिरों में दर्जनभर जोड़ियों का विवाह होता है। इन मंदिरों में विवाह रचाने वाले वर-वधू एवं उनके परिजन खुशहाल दांपत्य जीवन की कामना करते हैं। इन मंदिरों में होनेवाले मंत्रोच्चार एवं आरती से सुबह-शाम का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है।
रेफरल अस्पताल में इलाजरत मरीजों और उनके परिजनों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को आत्मशांति की अनुभूति होती है, जबकि प्रत्येक सप्ताह सोमवार और मंगलवार को भगवान शंकर एवं महावीर मंदिर में भक्तों की ओर से रात में किए जानेवाले भजन-कीर्तन से गहरी आस्था परिलक्षित होती है। जीटी रोड किनारे अवस्थित इन मंदिरों की चारों ओर से विभिन्न शहरों को जाने केलिए यात्री यहां आते हैं।
सर्वप्रथम इस स्थल पर सिर्फ एक सार्वजनिक दुर्गा मंदिर था। इसके बाद स्थानीय निवासी लक्ष्मी प्रसाद अग्रवाल और उनके परिजनों ने बाबा तारकेश्वर नाथ शिवमंदिर बनवाया। इसके कुछ वर्ष बाद सेवानिवृत्त शिक्षक परमेश्वर शर्मा और उनके परिजनों ने सूर्य एवं शनि मंदिर का निर्माण कराया। फिर पंचवटी नगर निवासी ललिन सिंह ने मां पार्वती का मंदिर बनवाया।