मंदिर बांटने को दो पक्ष आमने-सामने
गावा (गिरिडीह) : क्या देवी-देवताओं को बाटा जा सकता है। सुनने में थोड़ा अजीब और अटपटा जरूर लगता है, ले
गावा (गिरिडीह) : क्या देवी-देवताओं को बाटा जा सकता है। सुनने में थोड़ा अजीब और अटपटा जरूर लगता है, लेकिन कुछ ऐसा ही मामला गावा थाना क्षेत्र के सेरूआ गांव में सामने आया। यहा समाज केलोग दो पक्षों में बंटकर भगवान को ही बाटने में लगे हैं। इससे दोनों पक्षों में टकराव की आशका बनी हुई है।
बताया गया कि कि सेरूआ गाव में दो पक्षों में मंदिर प्रवेश के मामले को लेकर काफी दिनों से विवाद चला आ रहा है। सेरूआ गाव केऊपर टोला में सार्वजनिक देवी मंडप है। ग्रामीणों ने बताया कि बीच में मंदिर की हालत जब काफी जर्जर हो गई, मंडप के अंदर पानी प्रवेश करने लगा था तो गंाव के ही कुछ लोगों ने मंदिर की मरम्मत के लिए बैठक आयोजित की।
जब चंदा की मांग की गई तो दलितों ने यह कहकर चंदा देने से मना कर दिया कि जब वे मंदिर में प्रवेश नहीं करते तो सहयोग क्यों करें। इसके बाद लोगों ने आपस में ही चंदा कर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। यज्ञ का आयोजन किया गया।
दलितों का आरोप है कि यज्ञ में कलश यात्रा में दलित महिलाओं को भाग लेने नहीं दिया गया। दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि ऐसी कोई रोक नहीं थी, वे स्वेच्छा से नहीं आए। एक बार फिर यह मामला तब गरम हो गया जब एक दलित लड़का खुद को भगत बताते हुए कुछ दिन पूर्व मंदिर में प्रवेश कर गया। इसे लेकर दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया।
शुक्रवार को इसे लेकर दोनों पक्षों में बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों पक्षों के सैकड़ों लोगों के अलावा माले नेता नागेश्वर यादव शामिल हुए। दोनों के बीच काफी देर तक बैठक में चली बहस के बावजूद कोई निष्कर्ष नहीं निकला। दोनों पक्षों के लोग कह रहे हैं कि बार-बार विवाद होता है। ऐसे में दोनों के लिए मंडप को ही अलग कर दिया जाए। इस बात को लेकर 25 जून को पुन: बैठक के लिए दिन तय किया गया।