हत्या मामले में चार को आजीवन कारावास
गिरिडीह : हत्या के एक मामले में सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय
गिरिडीह : हत्या के एक मामले में सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय अरुण कुमार गुप्ता की अदालत ने चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
बताया गया कि 17 अक्टूबर 2001 को आपसी रंजिश में कुछ लोगों ने निमियाघाट थाना क्षेत्र के केन्दुवाडीह गांव निवासी डेगलाल यादव की हत्या कर दी। इस मामले में अदालत ने केन्दुवाडीह गाव के ही किशुन साव, तुलसी साव, बानी साव एवं गणेश साव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इस कांड के एक अभियुक्त चिला साव की छह माह पूर्व मौत हो गई।
केन्दुवाडीह निवासी जगदीश महतो ने निमियाघाट थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि 17 अक्टूबर 2001 की संध्या 5-6 बजे वे अपने पिता डेगलाल यादव के साथ प्रतापपुर निमियाघाट स्थित अपने खटाल में मवेशी बाध रहे थे। तभी गाव के किशुन साव, बानी साव, गणेश साव, तुलसी साव एवं चिला साव लाठी, संबल, भाला, टागी आदि से लैस होकर आए और गालीगलौज करने लगे।
इस पर वे पिता के साथ घर जाने लगे। कुछ दूर जाते ही उनलोगों ने उन्हें घेर लिया और लाठी, संबल, टागी, भाला आदि से मारने लगे। इसके बाद वेलोग उन्हें मृत समझकर चले गए। जाते समय यह बोलकर वहा से निकले कि चलो यह तो मर गया, अब इसके दो लड़के बचे हैं उन्हे भी मार देते हैं।
इस बीच बानी साव और चिला साव की पत्नी भी वहा आई और गालीगलौज करती हुई ईट-पत्थर से मारने लगी। उसके पिता खून से लथपथ होकर गिर गए। इसी बीच उसके हल्ला करने पर गाव के लोगों ने आकर बचाया। वे अपने पिता को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगे, तभी रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया।