मौत के मुंह से टॉर्च ने बचाया ताजहसन को
बनियाडीह (गिरिडीह) : जाको राखे साइयां मार सके न कोय। गुरुवार को करीब नौ घंटे तक मौत के मुंह में रहने
बनियाडीह (गिरिडीह) : जाको राखे साइयां मार सके न कोय। गुरुवार को करीब नौ घंटे तक मौत के मुंह में रहने के बाद जीवित बचे बगुलवाटांड़ के मो. बाबूजान के पुत्र ताजहसन उर्फ छोटू के मामले में यह कहावत चरितार्थ हुई। उसने सोचा भी नहीं था कि वह जिंदा बच निकलेगा। उसे सकुशल बाहर निकालने में उसके पास मौजूद टॉर्च ने अहम भूमिका निभाई।
बता दें कि ताजहसन भी बुधवार की देर रात कुछ साथियों के साथ कबरीबाद स्थित सीसीएल की बंद पड़ी खदान में कोयला निकालने के लिए घुसा था। इसी दौरान चाल धंसने से कई लोग दब गए। उनमें से एक को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया, जबकि मो. ताजहसन उर्फ छोटू को सीसीएल एवं जिला प्रशासन की टीम ने जीवित निकालने में सफलता हासिल की।
उसे जीवित निकलते देख उसकी पत्नी साहिना खातून का मुर्झाया चेहरा खुशी से खिल उठा। वह सुबह से ही घटनास्थल पर मौजूद थी और बार-बार अपना दुखड़ा सुना रही थी। उसका कहना था कि उसके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं। यदि उसका पति मर गया तो उसके बच्चे अनाथ हो जाएंगे। दोपहर करीब एक बजे पोकलेन मशीन से सुरंग को साफ किया जा रहा था।
इसी बीच सुरंग के अंदर से टॉर्च की रोशनी दिखाई पड़ी। टॉर्च जलानेवाला ताजहसन ही था। सुरंग के अंदर टॉर्च जलता देख लोगों ने हल्ला किया कि मशीन से कोयला मत हटाओ, अंदर आदमी जिंदा है। फिर मशीन को रोककर कुछ लोग अंदर गए और उसे सकुशल बाहर निकाला।