आपदा प्रबंधन पर प्रशासन गंभीर
गिरिडीह : जिला प्रशासन ने शनिवार को आपदा प्रबंधन को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ लंबी ब
गिरिडीह : जिला प्रशासन ने शनिवार को आपदा प्रबंधन को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की और निर्देश दिया कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों की पहचान कर उनके आश्रितों को सरकारी लाभ मुहैया कराएं।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे अपर समाहर्ता रवींद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्राकृतिक आपदा सहित अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर सभी विभागों को मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभाने का दिशा-निर्देश दिया गया है। कहा कि नगर पर्षद को शहरी क्षेत्रों में जलजमाव और नालियों की सफाई के लिए प्रशासन की ओर से कड़ा अल्टीमेटम दिया गया है। गंदगी से महामारी फैलने की संभावना बनी रहती है। संयोग से शनिवार को विश्व मलेरिया दिवस है। इस अभियान में भी स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया।
इसके अलावा यातायात व्यवस्था के तहत पुराने पेड़ के बीच सड़क पर गिरने और उसमें संभावित खतरे को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस से सक्रियता बरतने की अपील भी की गयी। अपर समाहर्ता ने बताया कि भवन प्रमंडल को निर्देश दिया गया है कि पुराने भवनों के उपयोग पर पाबंदी लगाएं। उनके ध्वस्त होने का खतरा बना रहता है। भाड़े के मकानों में वर्षो से रह रहे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह कदम उठाना जरूरी है।
सभी सीओ को निर्देश दिया गया कि वे अपने सेवा क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों की पहचान कर उनके आश्रितों को सरकारी लाभ दिलाने में अहम भूमिका निभाएं। सरकार ने वज्रपात से मरनेवाले लोगों के परिजनों को बतौर मुआवजा चार लाख रुपया देने का निर्णय लिया है। इसके लिए शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और एफआइआर की कॉपी जरूरी कागजात के रूप में संलग्न सरकार ने निर्धारित कर रखा है। बैठक में डीएसपी वन विजय ए कुजूर, सभी विभागों के नियंत्री अधिकारी सहित सभी अंचलों के सीओ उपस्थित थे।