अलग-अलग मामले में पांच अभियुक्तों को सजा
गिरिडीह : हत्या और दहेज हत्या के मामले में अलग-अलग अदालत में मंगलवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई।
गिरिडीह : हत्या और दहेज हत्या के मामले में अलग-अलग अदालत में मंगलवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। इसमें हत्या के मामले में दंपती को आजीवन कारावास जबकि दहेज हत्या के मामले में पति को दस वर्ष और सास-ससुर को सात-सात वर्ष की सजा दी गयी।
बताया गया कि जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सुनील कुमार सिंह की अदालत में हत्या मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। यहां अदालत ने नामजद अभियुक्त मुफस्सिल थानांतर्गत लखारी गांव निवासी पप्पू दास और उसकी पत्नी बंधनी देवी को दोषी पाने के बाद दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
लखारी गांव निवासी रेणु देवी ने इस दंपती पर आरोप लगाया था कि उसका पति गुलाब मंडल और पप्पू दास दोनों साझेदारी में ईट का व्यवसाय करते थे। उसके पति ने पप्पू को एक लाख रुपया दिया था। पूंजी आदि को छोड़कर पप्पू के पास तीस हजार रुपया निकल रहा था, जिसे उसके पति मांग रहे थे।
पप्पू रुपया देने में आनाकानी करते हुए जान से मार देने की धमकी दिया करता था। 24 जून 2010 को पप्पू आदि उसके पति गुलाब मंडल को घर से बुलाकर ले गए और पत्नी बंधनी आदि के साथ मिलकर चाकू से गोद-गोदकर उसकी हत्या कर दी।
दूसरी ओर, दहेज हत्या के मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम प्रदीप कुमार चौबे की अदालत ने हीरोडीह थाना अंतर्गत करिहारी लंगडपरास निवासी मृतका के पति राजेश यादव को दस वर्ष, सास देवकी उर्फ लाडो देवी एवं ससुर रामा यादव को सात-सात वर्ष की सजा सुनायी।
इस मामले में देवरी थानांतर्गत पर्वतरायडीह निवासी अर्जुन महतो ने 6 अक्टूबर 2005 को थाना में आवेदन देकर आरोप लगाया था कि ससुराल वालों ने दहेज की खातिर उसकी बहन सुमिता उर्फ सुमित्रा देवी की हत्या कर दी। इस मामले में अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक परवेज आलम, अधिवक्ता उर्मिला देवी ने जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता पी सिंह ने बहस की।