प्रताड़ना के विरोध में सचिव गोलबंद
गिरिडीह : झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ की बैठक रविवार को महासंघ भवन में हुई। जिसमें 25 मार्च को उप
गिरिडीह : झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ की बैठक रविवार को महासंघ भवन में हुई। जिसमें 25 मार्च को उप विकास आयुक्त द्वारा आहूत ग्राम पंचायत पर्यवेक्षकों की बैठक में हुई प्रताड़ना पर चर्चा की गयी। साथ ही प्रभारी ग्राम पंचायत पर्यवेक्षकों की सुरक्षा को ले निर्णय लिया गया कि जब तक पंचायत सचिवों को विधिवत प्रोन्नति नहीं मिलती है, तब तक 1 अप्रैल से प्रभारी ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक के रूप में काम नहीं करेंगे। अगर दबाव बनाया गया तो आपात बैठक कर जिले के सभी पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। कहा कि जिले के 13 प्रखंडों में मात्र एक पर्यवेक्षक विधिवत कार्यरत हैं, शेष सभी प्रभारी हैं। प्रभारी ग्राम पंचायत पर्यवेक्षकों के जिम्मे इसके अलावा 2-3 पंचायतों का प्रभार है। ऐसे में डीडीसी बीडीओ को छोड़ ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक को ही प्रखंड का जिम्मेवार बना रहे हैं।
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री सह राष्ट्रीय सचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत सचिवों की सुरक्षा की जिम्मेवारी महासंघ की है। पंचायत सचिव मात्र पंचायत का प्रभार संभालें। जिला प्रशासन, उप विकास आयुक्त ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक की वैकल्पिक व्यवस्था करे।
इस दौरान तिसरी प्रखंड के पंचायत सचिव केतका हेम्ब्रम आवंटन के अभाव में 21 माह का लंबित वेतन के लिए बीडीओ एवं स्थापना सहायक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी। पंचायती राज कार्यालय में धनवार, बिरनी, बेंगाबाद समेत कई प्रखंडों के पंचायत सचिवों के बकाया वेतन आवंटन में धांधली की गयी है। इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। बैठक काशीनाथ प्रसाद, लखन प्रसाद रजक, अशोक गोप, तैयब अंसारी, नुनूलाल रविदास, झरी राय, नकुल रविदास आदि उपस्थित थे।