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मौसम का मिजाज बदला, बूंदाबांदी से गिरा पारा

गिरिडीह : बसंत पंचमी के बाद भी आसमान में काले बादल मंडरा रहे थे लेकिन गुरुवार को अचानक मौसम का मिजाज

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 08:14 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 05:57 AM (IST)
मौसम का मिजाज बदला, बूंदाबांदी से गिरा पारा

गिरिडीह : बसंत पंचमी के बाद भी आसमान में काले बादल मंडरा रहे थे लेकिन गुरुवार को अचानक मौसम का मिजाज बदला और अहले सुबह से ही बारिश होने लगी। सुबह होते हुए मौसम थोड़ा साफ हुआ लेकिन बूंदाबांदी का दौर पूरे दिन चलता रहा।

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इस बीच शीतलहरी से ठिठुरन बढ़ी और पारा एकाएक नीचे गिर गया। भारतीय सांख्यिकी संस्थान में मौसम विभाग की जानकारी देने वाले सूत्र की मानें तो गुरुवार को यहां न्यूनतम पारा जहां 8 डिग्री तक नीचे गिरा वहीं अधिकतम तापमान 17 डिग्री से ऊपर नहीं उठ पाया।

शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कहीं कहीं आधे से एक घंटे तक झमाझम बारिश होने की सूचना है। जमुआ, धनवार, देवरी, बगोदर, पीरटांड़ और गांडेय से मिली जानकारी के अनुसार इन क्षेत्रों में बुधवार रात से मौसम खराब होने लगा था। गुरुवार को अहले सुबह करीब चार बजे कहीं कहीं जमकर बारिश भी हुई। खरगडीहा और मिर्जागंज बाजार में बारिश से जहां रूटीन कारोबार प्रभावित हुआ वहीं जमुआ में साप्ताहिक हाट भी बारिश से फीका रहा।

शहरी क्षेत्र में गुरुवार को स्कूल, कॉलेज और कार्यालय आने-जाने में लोगों को भारी फजीहत हुई। स्कूलों में छुट्टी के समय भी बूंदाबांदी से नौनिहालों को अपने घर तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान बच्चे भीगते हुए घर आते देखे गए। कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने प्रतिकूल मौसम को देखते हुए छाता का सहारा लिया।

मौसम के इस बदले मिजाज का असर बाजार और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा। फुटपाथ का कारोबार बुरीतरह प्रभावित हुआ ही, बाजार में ग्राहकों की भीड़ भी काफी नगण्य देखी गयी। बाजार में चहल पहल नहीं थी।

कृषि विज्ञानियों के अनुसार वसंत पंचमी के बाद ऐसी बारिश अमूमन संभावित होती है। माघ माह के शेष और फाल्गुन माह के आरंभ में बारिश से रबी फसलों को लाभ मिलने की पूरी संभावना है। हालांकि जमीन में नमी से अधिक बारिश होने से फसलों के नष्ट होने की भी संभावना है।


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