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अध्यादेश लोकतंत्र के लिए खतरा : दीपंकर

संवाद सूत्र, बगोदर (गिरिडीह) : केंद्र सरकार ने जिस तरीके से आधा दर्जन से अधिक अध्यादेश लादे हैं,

By Edited By: Published: Sun, 18 Jan 2015 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jan 2015 07:06 PM (IST)
अध्यादेश लोकतंत्र के लिए खतरा : दीपंकर

संवाद सूत्र,

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बगोदर (गिरिडीह) : केंद्र सरकार ने जिस तरीके से आधा दर्जन से अधिक अध्यादेश लादे हैं, वह लोकतंत्र व आम आदमी के लिए भारी खतरा है। जब 2013 में सर्वसम्मति से पुनर्वास कानून पारित हुआ था, उस समय भाजपा भी सहमत थी, लेकिन सत्ता में आते ही उस कानून को ताक में रखकर कारपोरेटों के हित में किसान व आदिवासियों के खिलाफ अध्यादेश ले आयी। खास कर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश। यदि यह अध्यादेश जारी रहा तो प्रतिगामी प्रभाव पड़ेगा।

उक्त बातें भाकपा माले के केंद्रीय महासचिव दीपंकर भट्ट्टाचार्या ने रविवार को कही। वे बगोदर के राधिका पैलेस में माले का तीन दिवसीय केंद्रीय कमेटी सम्मेलन में बोल रहे थे। कहा कि इन सभी सवाल को लेकर 6 मार्च को दिल्ली में जन संसद का कार्यक्रम किया गया है, जिसमें सभी आंदोलनकारी पार्टी एक मंच पर आएंगी। देश के खेतिहर व ग्रामीण मजदूरों के सवालों को लेकर 3-4 अप्रैल को भुवनेश्वर में राष्ट्रीय सम्मेलन होगा, जबकि असंगठित व औद्योगिक मजदूरों के सवालों को लेकर पटना में 4-5 मई को।

उन्होंने राज्स सरकार के गठन पर कहा कि शुरुआती संकेत से लोग सशंकित हैं। खासकर आदिवासियों व किसानों की जमीन पर भूमि लूट का खतरा दिख रहा है। माले भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आदोलन तेज करेगी। वहीं राशन कार्ड, गावों में रोजगार, बिजली, पानी समेत अन्य सवालों को लेकर आदोलन के जरिए जनता की मागों पर मजबूर किया जाएगा। इसके लिए सदन के अंदर तथा बाहर भी तेज आदोलन होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय कमेटी सदस्य जनार्दन प्रसाद, पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह, स्वदेश भट्टाचार्य डीपी बक्सी, रामेश्वर प्रसाद, मीना तिवारी, राजाराम सिंह, अनंत गुप्ता, शुभेंदू सेन आदि मौजूद थे।


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