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बेरोटांड़ के किसानों को तालाब का सहारा

देवरी (गिरिडीह) : सरकार किसानों को बेहतर सुविधा देने का दावा करती है और सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त क

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 07:09 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 07:09 PM (IST)
बेरोटांड़ के किसानों को तालाब का सहारा

देवरी (गिरिडीह) : सरकार किसानों को बेहतर सुविधा देने का दावा करती है और सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, इसके बावजूद आज भी कृषकों को पानी के अभाव में सिंचाई करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। देवरी प्रखंड के बेरोटांड़ गांव का भी कुछ ऐसा ही हाल है। गांव के ज्यादातर किसान सिंचाई के लिए एक ही तालाब पर आश्रित हैं।

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किसानों को एक तालाब में करीब बीस डीजल पंप सेट लगाकर फसलों की सिंचाई करते देखा जा सकता है। तालाब के पानी से फसल को पटाने के लिए लोगों में होड़ मची रहती है, क्योंकि लोगों को तालाब के सूखने का डर सताता रहता है। इस बाबत किसान भैरो वर्मा, राजेंद्र वार्म, नाजीत वर्मा, दशरथ महतो, बालेश्वर महतो आदि ने बताया कि वेलोग भगवान भरोसे खेती करते हैं।

धान की खेती बारिश के पानी पर निर्भर है जबकि गेहूं की खेती के लिए तालाब पर आश्रित रहना पड़ता है। इसी से किसी तरह एक बार पटवन हो पाता है। उसके बाद तालाब सूख जाता है। यही वजह है कि किसानों ने अपना-अपना खेत पटाने के लिए तालाब में डीजल पंप लगा दिया है। लोगों ने बताया कि यदि इस तालाब की खुदाई कर और गहरा कर दिया जाए तो पानी जल्दी नहीं सूखेगा। फिलहाल किसानों ने इसी के भरोसे करीब 50 हेक्टेयर जमीन पर गेहूं और आलू लगाया है। यदि पानी की व्यवस्था हो तो यहां पांच सौ हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जा सकती है।


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