मधुबन में निकला वरघोड़ा, उमड़ी भीड़
मधुबन (गिरिडीह) : दो किलोमीटर तक लोगों का ताता, दर्जनभर बग्घी, रथ और पालकी। पालकी के पीछे- पीछे हाथ
मधुबन (गिरिडीह) : दो किलोमीटर तक लोगों का ताता, दर्जनभर बग्घी, रथ और पालकी। पालकी के पीछे- पीछे हाथ जोडे़ मंत्रोच्चार और जयकारा करते करीब दस हजार की भीड़। अलग-अलग बैंड और तरह-तरह के वाद्ययंत्रों से गूंजता वातावरण। जिधर से वरघोड़ा निकलता, दर्शक मंत्रमुग्ध होकर देखने लगते। शनिवार को जैनियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन का नजारा कुछ ऐसा ही था। यह सब हुआ 47 दिवसीय उपधान तप की समाप्ति के अवसर पर।
बताया गया कि मधुबन स्थित तलेटी तीर्थ में 47 दिवसीय उपधान तप का आयोजन किया जा रहा था। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से आए 650 श्रावक शासन के नियमों का पालन करते हुए तप कर रहे थे। इनमें से 286 ऐसे श्रावक थे, जिन्होंने जीवन में प्रथम बार उपधान तप किया। ऐसे तपस्वियों ने शनिवार को मोक्षमाला धारण किया। इसी के निमित्त वरघोड़ा निकाला गया।
जुलूस की शुरुआत बिरनगड्डा स्थित गोशाला से हुई। इसके बाद मुख्य मार्ग होते हुए तलेटी तीर्थ पहुंचा। इतनी भीड़ उमड़ पड़ी थी कि जुलूस को अपने लक्ष्य तक पहुंचने में करीब तीन घटे का समय लगा। रथ खींचने के लिए करीब तीस घोड़े मंगाए गए थे। इसके अलावा कई मोटर रथ भी तैयार किए गए थे। तलेटी तीर्थ पहुंचने के बाद वहां भी कई धार्मिक विधियां पूरी की गई।
महाराजश्री ने अपने प्रवचन में उपधान तप की महिमा को बताया। सभी कार्यक्रम आचार्य श्री कीर्तियश सूरीजी महाराज की निश्रा में पूरे किए गए। मालूम हो कि इस कार्यक्रम की तैयारी बीते कई दिन से की जा रही थी।
जैनियों के प्रसिद्व तीर्थस्थल मधुबन स्थित तलेटी तीर्थ में रविवार को उपधान तप व्रतियों का बहुमान किया गया। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर भारी भीड़ उमड़ी। इस तीर्थ में 47 दिवसीय उपधान तप का आयोजन किया गया। इसकी समाप्ति को शनिवार को बरघोड़ा भी निकाला गया।