राज्य हित में मजबूत राजनीतिक ताकत जरूरी : सीएम
जमुआ (गिरिडीह) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का निर्माण यहा के बुजुगरें ने आंदोलन के बल पर कराया है। लंबे समय तक चले आंदोलन में कितने ही मां ने अपना बच्चा खोया तो कितनों के सुहाग उजड़े। बहाया गया खून पसीना जाया नहीं होने दिया जाएगा। वीरों के इस राज्य को सजाने संवारने की जरूरत है। इसके लिए एक मजबूत राजनीतिक ताकत की जरूरत है।
बुधवार को जमुआ के खुर्दमघा स्थित मैदान में झामुमो के मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सूबे की जनता की सेवा करने का बहुत कम समय मिला। फिर भी विकास को गति देते हुए बहुत सारे ऐसे कार्य किए जो वषरें से लंबित थे। खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति और मदरसों की परीस्वीकृति व अनुदान का रास्ता साफ किया। सभी पंचायतों को 10-10 लाख रुपया देकर ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त रखने, सभी तरह की पेंशन में 200 रुपये की बढ़ोतरी के साथ सहकारिता कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी खोला, लेकिन कोर्ट के आदेश से लंबित है। कुछ लोग सांप्रदायिक झगड़ा कराकर सद्भाव बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। घर-घर में जाकर फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व विधायक बलदेव हाजरा और प्रदीप हाजरा को जमीनी नेता बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों को हमेशा अपने क्षेत्र की चिंता होती है और झामुमो इस तरह के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखता है। नवडीहा और हीरोडीह को प्रखंड एवं जमुआ को गिरिडीह अनुमंडल में शामिल करने का विश्वास दिलाते हुए कहा कि प्रयास होगा कि इसी कार्यकाल में मांग पूरी हो जाए। पूर्व विधायक बलदेव हाजरा ने कहा कि अलग राज्य की लड़ाई में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। बलदेव के अलावा प्रदीप हाजरा, विजय चौरसिया, पूर्व प्रमुख सोनी चौरसिया, आजसू नेता नारायण पांडेय, मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष श्ाभूनाथ साहू समेत कई लोगों ने समर्थकों के साथ झामुमो का दामन थामा। समारोह में जिला अध्यक्ष पंकज ताह, सुदिव्य सोनू, पूर्व विधायक सुकर रविदास, सालखन सोरेन, संजय सिंह, गीता हाजरा, रंजीत कुमार, राजकुमार राय, दिनेश मंडल, कुर्बान अंसारी समेत देवरी व जमुआ के सैकड़ों लोग उपस्थित थे।